वादा पूरा नहीं करने का आरोप
साथ ही संविदा कार्मिकों को नियुक्ति देने का भी वादा किया था। इसके बाद २९ अक्टूबर १७ को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के निवास पर हुए समझौते एवं ३१ अक्टूबर को मिशन निदेशक एनआरएचएम एवं यूनियन के पदाधिकारियों के मध्य हुए समझौते के बाद ४५ दिन के सामूहिक अवकाश के बाद कार्य पर लौटे थे, लेकिन अभी तक समझौते के बिंदुओं पर क्रियान्वति नहीं हुई है। इससे कार्मिकों में सरकार के प्रति अविश्वास पैदा हो रहा है और मजबूरन धरना-प्रदर्शन कर रहा है। ज्ञापन में सभी जायज मांगों को पूरा करने की मांग की गई है।
साथ ही संविदा कार्मिकों को नियुक्ति देने का भी वादा किया था। इसके बाद २९ अक्टूबर १७ को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के निवास पर हुए समझौते एवं ३१ अक्टूबर को मिशन निदेशक एनआरएचएम एवं यूनियन के पदाधिकारियों के मध्य हुए समझौते के बाद ४५ दिन के सामूहिक अवकाश के बाद कार्य पर लौटे थे, लेकिन अभी तक समझौते के बिंदुओं पर क्रियान्वति नहीं हुई है। इससे कार्मिकों में सरकार के प्रति अविश्वास पैदा हो रहा है और मजबूरन धरना-प्रदर्शन कर रहा है। ज्ञापन में सभी जायज मांगों को पूरा करने की मांग की गई है।
ज्ञापन देने वालों में श्यामसुंदर सिंह, महेश कुमार गौड़, राजबाला, हेमलता भारद्वाज, हरि सिंह, छैलबिहारी वर्मा, दिनेश आदि शामिल हैं। इधर, संभागीय आयुक्त को छात्र समस्याओं का सौंपा ज्ञापन
हिण्डौनसिटी में समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर उपखंड क्षेत्र के कई राजकीय उच्च माध्यमिक व माध्यमिक स्तर के निजी विद्यालयों के नाम नहीं होने से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के छात्रवृति आवेदन ऑनलाइन नहीं हो पा रहें हैं। इसके साथ ही कई अन्य समस्याओं के समाधान के लिए सामाजिक चेतना एवं विकास संस्थान के जिला समन्वयक व अध्यक्ष के नेतृत्व में लोगों ने संभागीय आयुक्त सुबीर कुमार को ज्ञापन सौंपा।
हिण्डौनसिटी में समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर उपखंड क्षेत्र के कई राजकीय उच्च माध्यमिक व माध्यमिक स्तर के निजी विद्यालयों के नाम नहीं होने से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के छात्रवृति आवेदन ऑनलाइन नहीं हो पा रहें हैं। इसके साथ ही कई अन्य समस्याओं के समाधान के लिए सामाजिक चेतना एवं विकास संस्थान के जिला समन्वयक व अध्यक्ष के नेतृत्व में लोगों ने संभागीय आयुक्त सुबीर कुमार को ज्ञापन सौंपा।
जिला समन्वयक शांतिला करसोलिया व अध्यक्ष पूरणमल जाटव ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा बजट के अभाव में अत्याचार से पीडि़त दलितों को सहायता राशि उपलब्ध नहीं कराई जा रही। छात्र-छात्राओं के जाति व मूल निवास प्रमाण पत्रों का सत्यापण नहीं होने से छात्रवृति व पालनहार योजना के आवेदन भरने में परेशानी हो रही है। उन्होंने जाटव बस्ती समेत दलित बस्तियों में की जा रही अघोषित बिजली कटौती बंद कराने की मांग की है।