इंसीडेन्ट कमाण्डर के रूप में कार्य कर रहे नत्थूसिंह राजावत, डॉ. विश्राम बैरवा, चेतराम मीना, डॉ. केएस रावत, तेजराम मीना, मुनेश मीना, श्रीफल मीना आदि का कहना है कि जिला प्रशासन ने जिले के सह/सहायक आचार्यों की कोविड-19 में इंसीडेन्ट कमाण्डर के रूप में ड्यूटी लगाई हुई है।
उनके द्वारा निष्ठा से जिम्मेदारी को निभाया जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के आदेशों के विपरीत कार्यों को उनसे कराया जा रहा है। हिण्डौन नगरपरिषद एवं टोडाभीम उपखण्ड में इंसीडेन्ट कमाण्डर की ड्यूटी 15-15 दिन के रोटेशन के आधार पर बदल दिया गया, लेकिन उनके द्वारा इस बारे में जिला प्रशासन को अवगत कराया तो उनकी सुनवाई नहीं हुई और अप्रेल से अब तक लगातार कार्य कर रहे हैं।
प्रवासियों का पंजीकरण भी इंसीडेन्ट कमाण्डर से ही कराया जा रहा है। इसी प्रकार राज्य सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा के लिए सर्वे करने के कार्य की जिम्मेदारी भी इंसीडेन्ट कमाण्डर को दे दी। ज्ञापन में शिक्षा मंत्री से फील्ड ड्यूटी रोटेशन में लगाते हुए कार्यमुक्त करने या पद एवं गरिमा के अनुरूप उनसे कोविड 19 में कार्य कराने की गुहार की गई है।
इस दौरान भोलाराम शर्मा, मनमोहन मीना, डॉ. सीताराम खण्डेलवाल, डॉ. हरिलाल मीना, अमृतलाल मीना, सुमेरसिंह मीना, हरकेश मीना, डॉ. रीतेश जैन, डॉ. सुनीलकुामर शर्मा, सुरेशचन्द गुप्ता सहित अन्य इंसीडेन्ट कमाण्डर मौजूद थे।