तालाबों में घाटो का निर्माण, पौधारोपण भी कराया जाए। उन्होंने अधिकारियों को वाटर शेड के कार्यों व मनरेगा कार्यों को नियमित रूप से जांच करने और कमियां मिलने पर संबंधित के खिलाफ की गई कार्रवाई से अवगत कराने के भी निर्देश दिए।
कलक्टर ने नगर परिषद आयुक्तों को करौली, हिण्डौन में वर्षा होने पर पानी सड़कों पर नहीं भरे, इसके लिए नालों की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। बैठक में उपवन संरक्षक श्रवण कुमार रेडडी, अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तोमर, उपखंड अधिकारी करौली देवेन्द्र सिंह परमार, सपोटरा के ओपी मीना, हिण्डौन के सुरेश यादव, नादौती के रामनिवास मीना, टोडाभीम के दुर्गालाल मीना, नगर परिषद आयुक्त करौली पंकज मीना व हिण्डौन के प्रेमराज मीना, डीआईसी उद्योग केके मीना, एसई वाटर शेड केके सैनी, जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता विजयकुमार शर्मा सहित तहसीलदार व नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
चारागाह भूमि से हटवाएं अतिक्रमण
कलक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों एवं तहसीलदारों को सरकारी भूमि चारागाह पर हो रहे अतिक्रमण हटाने की तत्काल कार्रवाई शुरू करने की हिदायत देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। ग्राम सेवक व पटवारियों को फील्ड में रहने के लिए पाबंद करें जिससे कि अतिक्रमण नहीं हो। अगर अतिक्रमण होता है तो पटवारी व ग्रामसेवक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही करें।
प्रस्ताव भिजवाएं
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेन्द्र सिंह चारण ने बताया कि प्रत्येक गांव का मास्टर प्लान तैयार कराकर राज्य सरकार को भिजवाया गया था, उसमें कुछ कमियां रहने के कारण उसे लौटा दिया गया।
इसलिए प्रत्येक पटवारी जहां सिवायचक भूमि है उसे इस प्रकार से चिन्हित करें कि वहां खेल मैदान, श्मशान, चारागाह विकास हो सके। साथ ही मिनी सचिवालय बन सके और वहा आंगनबाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत भवन, पटवार घर आदि कार्यालय खुल सकें, ताकि ग्रामवासियों को अपने काम के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़े।