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करौली की भद्रावती नदी की सूरत संवारने को बनाई जा रही यह ठोस कार्ययोजना

locationकरौलीPublished: Sep 15, 2020 07:53:24 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

करौली. शहर की भद्रावती नदी को पुर्नजीवित कर उसमें फिर से जलधारा बहाव को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कार्ययोजना पर मंथन शुरू कर दिया गया है।

करौली की भद्रावती नदी की सूरत संवारने को बनाई जा रही यह ठोस कार्ययोजना

करौली की भद्रावती नदी की सूरत संवारने को बनाई जा रही यह ठोस कार्ययोजना

करौली. शहर की भद्रावती नदी को पुर्नजीवित कर उसमें फिर से जलधारा बहाव को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कार्ययोजना पर मंथन शुरू कर दिया गया है। नदी की सूरत संवारने के लिए उसमें वर्तमान में गिरने वाले 7 गंदे पानी के नालों को रोकने की भी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। भद्रावती नदी की सूरत संवारने की चल रही कवायद के तहत मंगलवार को यहां कलक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई।
इसमें राजस्थान नदी बेसिन अधिकरण के अधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने भद्रावती नदी को पुर्नजीवत कर अद्र्ध एवं बारहमासी बनाने के संबंध में तैयार की गई कार्ययोजना की समीक्षा की। साथ ही करौली शहर के 7 नालों से नदी में पहुंचने वाले गंदे पानी और गंदगी को रोकने के लिए पुख्ता कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। नदी में आने वाले गंदे पाने को रोकने के लिए स्टे्रक्चर तैयार करने एवं भविष्य में गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान के जरिए निकालने की पुख्ता व्यवस्था के प्रस्ताव भी कार्ययोजना में शामिल करने को कहा। इस मौके पर राजस्थान नदी बेसिन ऑथोरिटी के अधीक्षण अभियंता मुकेश शुक्ला ने भद्रावती नदी को पुर्नजीवत करने के संबंध में पीपीटी के माध्यम से तैयार की गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 5 से 10 वर्षों में भद्रावती नदी को अद्र्ध व बारहमासी बहने वाली नदी बनाई जा सकती है। इस संबंध में जल संसाधन, जलग्रहण एवं भूसंरक्षण, वन, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, कृषि, उद्यान एवं अन्य विभागों के सहयोग से भद्रावती नदी का जीर्णोद्धार करने पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में उपवन संरक्षक श्रवण कुमार रेडडी, राजस्थान नदी बेसिन ऑथोरिटी के मुख्य अभियंता डी.आर मीना, सीईओ जिला परिषद प्रभातीलाल जाट, उपखंड अधिकारी करौली देवेन्द्र सिंह परमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को भद्रावती के जीर्णोद्धार के समस्त तकनीकी के बारे में जानकारी दी गई।
पत्रिका ने भी नदी का उजागर किया था दर्द
गौरतलब है कि कुछ दशक पहले तक भद्रावती नदी कलकल बहती थी और इसे शहर की जीवनदायी नदी भी माना जाता था, लेकिन धीरे-धीरे नदी की दुदर्शा हो गई। नदी ने गंदे नाले का रूप ले लिया। नदी दुदर्शा को लेकर राजस्थान पत्रिका ने केवल प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की, बल्कि नदी में सफाई अभियान भी शुरू कराकर नदी पेटे से गंदगी को बाहर निकलवाया, लेकिन अनदेखी के चलते लगातार कचरा-गंदा पानी पर रोक नहीं लग पाने से फिर से नदी दुदर्शा की शिकार हो गई।

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