उन्होंने बताया कि वैसे तो 7 सितम्बर से मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश के साथ ही कोरोना से बचाव के सभी उपाए किए जा रहे हैं। शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ बढ़ोतरी की संभावना है। कोरोना महामारी के मद्देनजर सुरक्षा के सभी उपाए अपनाए जा रहे हैं। शारदीय नवरात्र में भी नियमित रूप से सेनेटाइज करने के साथ सोशल डिस्टेसिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हालांकि अभी तक गत वर्षों के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या कम है।
गत वर्षों तक कैलामाता के शारदीय नवरात्र मेले में बड़ी संख्या में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान आदि के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु माता के दर्शनों को आते रहे हैं, जिससे आस्थाधाम में खासी चहल-पहल रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते यह स्थिति नहीं है। कम संख्या में ही श्रद्धालु आस्थाधाम आ रहे हैं। हालांकि शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की कुछ संख्या बढऩे की उम्मीद है।
आस्थाधाम में सामान्य दिनों में ही माता के दर्शनों को हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जबकि मेले में यह संख्या लाखों में होती है, लेकिन कोरोना के चलते यह संख्या काफी कम रह गई। जबकि कस्बे में यात्रियों की आवक पर ही विभिन्न रोजगार प्रमुख रूप से जुड़े हैं। होटल हो चाहे धर्मशाला या अन्य कोई दुकानें सब जगह सूनापन सा ही नजर आता है। जो यात्री आ रहे हैं, वे भी अब अधिक ठहराव नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि गत वर्षों तक कैलादेवी आस्थाधाम में विभिन्न स्थानों से अनेक श्रद्धालु नवरात्र शुरू होने से एक दिन पहले ही पहुंचते रहे हैं, जो आस्थाधाम में ठहराव कर माता की आराधना करते। इससे कस्बे में स्थिति धर्मशाला आदि में भीड़ नजर आती थी, लेकिन इस बार ऐसी स्थिति नहीं है।