जिला कलक्टर सिहाग रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर कलक्ट्रेट सभागार में मेधावी बालिकाओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। महिला अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जिला कलक्टर ने 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं में जिले में अव्वल रही 20 बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, प्रदान कर सम्मानित किया। प्रत्येक बालिका को पांच-पांच हजार रुपए का इनाम भी दिया जाएगा। कलक्टर बोले कि कॅरियर को अच्छे मुकाम पर पहुंचाने के लिए यदि दूसरे शहरों में भी जाना पड़े तो उसमें संकोच नहीं करें। बाहर जाने से सोच अधिक विकसित होने के साथ नए अवसर मिलते हैं। इससे पहले कलक्टर ने मां सरस्वती के चित्रपट पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक प्रभाती लाल जाट ने जानकारी दी कि कार्यक्रम में 10वीं कक्षा की 10 एवं 12वीं में कला, विज्ञान, वाणिज्य की सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली 10 बालिकाओं को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही बालिका शिक्षा के लिए बेहतर कार्य करने वाले जिले के 9 स्कूलों को भी सम्मानित करते हुए उन्हें 10-10 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। इस दौरान दिव्यांग बालिका निरी मीना को भी कलक्टर ने राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता में उसके फोटो के चयन के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) भरत लाल मीना, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) रामूलाल मीना, एडीईओ धर्म सिंह मीणा, शिक्षा अधिकारी हुकम चंद मीना, अशोक कुमार शर्मा सहित अन्य मौजूद थे।
बेटियों को बताए सफलता के गुर
कार्यक्रम में सम्मान पाकर गद्गद् हुए मेधावी बेटियों से जिला कलक्टर ने उनके भविष्य की उड़ान को लेकर सवाल किए। इस पर किसी बालिका ने आइएएस बनकर समाज सेवा की बात कही तो किसी ने डॉक्टर बनकर मानव सेवा की इच्छा जताई। साथ ही जिला कलक्टर से सफलता के बारे में जाना। इस पर कलक्टर सिहाग ने कहा कि सफलता के लिए जिज्ञासु होना बेहद जरूरी है। वह बोले कि हर उस चीज की कल्पना और जिज्ञासा की जानी चाहिए, जो आपके आसपास है।
देश दुनिया में क्या कुछ घटित हो रहा है। क्या कुछ इतिहास है। पढ़ाई के साथ खेलकूद और रुचि के अनुसार कार्य करना भी जरुरी है। सफलता का सूत्र बताते हुए सिहाग बोले कि लोगों की सुनकर नहीं बल्कि खुद के मन की और रुचि के अनुसार ही विषयों का चुनाव किया जाए।