ये क्या हुआ जरख की जगह जाल में फंस गया कोई और तो हुआ यह...
करौली. जिला मुख्यालय पर आबादी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से घूम रहे जरख को पकडऩे के लिए सोमवार को आखिर वन विभाग की टीम ने प्रयास तो किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके चलते टीम को बैरंग लौटना पड़ा।

करौली. जिला मुख्यालय पर आबादी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से घूम रहे जरख को पकडऩे के लिए सोमवार को आखिर वन विभाग की टीम ने प्रयास तो किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके चलते टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
सोमवार शाम वन विभाग की टीम यहां सायनात खिड़किया बाहर वीर हनुमानजी मंदिर क्षेत्र, हाथीघटा के समीप पहुंची और जरख को पकडऩे के प्रयास शुरू किए। इस दौरान टीम को जरख नजर भी आया। इस पर टीम ने जाल बिछाया, लेकिन जरख झाडिय़ों की ओर जा छुपा। इस बीच टीम बैरंग वापस लौट गई। इस दौरान वन विभाग के करौली रेंजर देवेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी राजबहादुर सिंह सहित कैलादेवी अभयारण्य टाइगर प्रोजेक्ट की टीम के सदस्य शामिल थे। रेंजर देवेन्द्र सिंह ने बताया कि अब 27 जनवरी को फिर से जरख को पकडऩे के प्रयास किए जाएंगे।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से सामान्य चिकित्सालय के पीछे की मधुवन विहार कॉलोनी व वीर हनुमान मंदिर क्षेत्र में जरख नजर के आने से लोग भयभीत हैं। रविवार को भी दिन में दो जरख नजर आए तो लोगों में और भय बढ़ गया। इस पर लोग लाठी-डण्डे लेकर निगरानी करने लगे। वहीं इलाके में रोशनी की व्यवस्था भी की गई।
जाल में फंस गया श्वान
वन विभाग ने टीम जरख को पकडऩे के लिए जाल बिछाया, लेकिन जरख तो उसमें नहीं फंसा, बल्कि इलाके में घूम रहा एक श्वान जाल में फंस गया। इस पर टीम ने जाल से श्वान को निकालकर छोड़ दिया।
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