केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के तहत इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईआरएडी) तैयार होगा। इस डेटा के जरिए दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण कर उनमें सुधार किया जाएगा, ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। जिले में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) द्वारा प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है। एनआईसी करौली की ओर से इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत पुलिस, परिवहन, चिकित्सा, एनएचएआई, सार्वजनिक निर्माण विभाग मिलकर कार्य करेंगे। एनआईसी की ओर से पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जबकि अन्य विभागों के कार्मिकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ऐसे करेगी काम प्रणाली
दुर्घटना स्थल पर पुलिस मोबाइल ऐप पर विवरण दर्ज करेगी। इसमें घटना से प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन का नम्बर, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, फोटो-वीडियो अपलोड किए जाएंगे। यह प्रक्रिया पूरी होते ही समीप के स्वास्थ्य केन्द्र में पोर्टल के जरिए यह सूचना पहुंचेगी। इसके साथ ही संबंधित चिकित्सालय में उपचार संबंधी तैयारियां की जाएंगी। सार्वजनिक निर्माण विभाग-एनएचएआई के पास भी इसकी सूचना स्वचालित प्रणाली से पहुंचेगी।
ऐसे करेगी काम प्रणाली
दुर्घटना स्थल पर पुलिस मोबाइल ऐप पर विवरण दर्ज करेगी। इसमें घटना से प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन का नम्बर, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, फोटो-वीडियो अपलोड किए जाएंगे। यह प्रक्रिया पूरी होते ही समीप के स्वास्थ्य केन्द्र में पोर्टल के जरिए यह सूचना पहुंचेगी। इसके साथ ही संबंधित चिकित्सालय में उपचार संबंधी तैयारियां की जाएंगी। सार्वजनिक निर्माण विभाग-एनएचएआई के पास भी इसकी सूचना स्वचालित प्रणाली से पहुंचेगी।
होगा विश्लेषण, देंगे सुझाव
घटना के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके बाद आईआईटी चैन्नई द्वारा आंकड़ों का अध्ययन किया जाएगा। साथ ही यह सुझाव दिया जाएगा कि दुर्घटना में सड़क निर्माण संबंधी क्या सुधार किए जाने चाहिए। वहीं ब्लॉक स्पॉट चिन्हित होकर उन्हें समाप्त किया जाएगा।
घटना के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके बाद आईआईटी चैन्नई द्वारा आंकड़ों का अध्ययन किया जाएगा। साथ ही यह सुझाव दिया जाएगा कि दुर्घटना में सड़क निर्माण संबंधी क्या सुधार किए जाने चाहिए। वहीं ब्लॉक स्पॉट चिन्हित होकर उन्हें समाप्त किया जाएगा।
इनका कहना है…
सड़क हादसों में कमी लाने और हादसों के कारणों का विश्लेषण करने की मंशा से जिले में इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस प्रणाली को लेकर तैयारी की जा रही है। इसमें विभिन्न विभाग मिलकर कार्य करेंगे। पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
अनिल जैन, तकनीकी निदेशक एनआईसी एवं नोडल अधिकारी आईआरएडी, करौली
सड़क हादसों में कमी लाने और हादसों के कारणों का विश्लेषण करने की मंशा से जिले में इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस प्रणाली को लेकर तैयारी की जा रही है। इसमें विभिन्न विभाग मिलकर कार्य करेंगे। पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
अनिल जैन, तकनीकी निदेशक एनआईसी एवं नोडल अधिकारी आईआरएडी, करौली