जिला प्रशासन, महिला अधिकारिता व महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कलक्टर ने कहा कि विकास के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। वे बोले कि महिला शिक्षा से ही समाज की बुनियाद रखी जाती है। साथ ही महिलाओं का स्वयं विकास होता है और इसके साथ-साथ समाज का भी उत्थान होता है।
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश जगमोहन अग्रवाल ने कहा कि महिलाएं ना कभी कमजोर थी और न हैं और न रहेंगी। पुरूषों गौरव और सम्मान महिलाओं से ही होता है। इसलिए भारतीय संविधान में महिलाओं को समानता का अधिकार भी दिया गया है। महिलाएं अपने मन में कभी दुर्बलता नही लाएं और अपनी सोच को बदलें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश रेखा यादव ने कहा कि महिलाएं अपनी सुरक्षा व अधिकारों से अपने आप को मजबूत बनाएं और शिक्षित होकर बालिकाओं को आगे बढ़ाएं। महिलाएं सशक्त होकर समाज को विकसित करने में अपना योगदान दें।
इससे पहले महिला एवं बालि विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभाती लाल जाट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए महिलाओं के अधिकारों के बारे में जानकारी दी। समारोह में विशिष्ट न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट गजेन्द्र सिंह तैमगुरिया, न्यायिक मजिस्ट्रेट कान्ता कुमारी व विभा आर्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक रिंकी किराड़, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गणपत लाल मीना, यातायात निरीक्षक टीनु सोगरवाल, वृत्ताधिकारी मनराज मीना सहित महिला एवं बाल विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाईजर, सहायिका आदि उपस्थित रहे। समारोह का संचालन सेवानिवृत शिक्षक बृजकिशोर शर्मा ने किया ।