इस वर्ष यानि जनवरी से मार्च माह तक के कोरोना केसों के आंकड़ों पर नजर डालें तो तीन माह की अवधि में सर्वाधिक पॉजीटिव केस मार्च माह में सामने आए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार जनवरी माह में कुल 43 कोरोना संक्रमित जिले में सामने आए थे, जबकि फरवरी में कोरोना लगभग पूरी तरह काबू में रहा और फरवरी में यह संख्या महज चार केसों पर आ टिकी। लेकिन इसके बाद मार्च माह में फिर एक बार पॉजीटिव केसों की संख्या में बढ़ोतरी हुई और यह संख्या 53 तक पहुंच गई।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सूत्रों के अनुसार जिले में अब तक कुल 1622 जने कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से 20 जनों की कोरोना के चलते मौत हो गई थी। जबकि वर्तमान में जिले में 54 एक्टिव केस हैं। वहीं अन्य सभी स्वस्थ्य हो चुके हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि मार्च माह से जिला ही नहीं प्रदेश और देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अनेक लोगों ने कोविड-19 की गाइड लाइन की पालना के प्रति अनदेखी की। ना सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा और ना ही मास्क लगाने में रुचि दर्शाई। वहीं पिछले दिनों से कोरोना की जांच के लिए नमूनों की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई।
कलक्टर ने दिए निर्देश
जिले में कोरोना के बढ़ते हुए केसों के मद्देनजर जिला कलक्टर की ओर से अधिकारियों को कोरोना गाइड लाइन की पालना सख्ती से कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को कोरोना से बचाव, संक्रमण रोकने के लिए शहर व कस्बों के बाजारों में मास्क की अनिवार्यता, सोशल डिस्टेसिंग की पालना सुनिश्चित कराने और पालना नहीं होने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
फरवरी माह में जिले में कोरोना केसों की संख्या काफी कम हो गई। महज एक-दो एक्टिव केस रह गए, लेकिन एक तो लोगों द्वारा कोरोना गाइड लाइन की पालना नहीं करने और जांच नमूनों की संख्या बढ़ाने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हुई है। जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए गाइड लाइन की पालना के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस संबंध में जिला कलक्टर ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
डॉ. दिनेशचन्द मीना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, करौली