करौली के पूर्व विधायक दर्शनसिंह गुर्जर, हाकिम सिंह गुर्जर सहित अन्यजनों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया है कि भरतपुर जिले के बंधबारेठा सेंचुरी में मासलपुर क्षेत्र के मेवला, जमूरा, टिमकोली, पहाड़ताली, बांसवाडी आदि नवीन वनखण्ड को जोड़ा गया है, जिनमें करीब 124 गांव आते हैं। इन गांवों में रहने वाले लोगों का जीवन पशुपालन पर आधारित है। यहां पर रोजगार का कोई अन्य साधन नहीं है। यदि बांध बारेठा अभयारण्य में इनको शामिल किया जाता है तो गांवों को भी अन्यत्र जगह विस्थापित किया जा सकता है। इससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा।
ज्ञापन में सरकार के इस निर्णय के खिलाफ रोष जताते हुए विरोध जताया गया है। साथ ही इन गांवों को अभयारण्य क्षेत्र से नहीं हटाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस दौरान जमूरा के सुरेन्द्र सिंह, जगदीश सिंह, अशोक भोजपुर, रामवीर सिंह, बाबूसिंह, कंचनपुर सरपंच दिनेश, सियाराम, रूंधपुरा के पूर्व सरपंच दामोदर, देवीशरण शर्मा, सोनू कुशवाह, लाखन सरपंच, नब्बा सरदारपुरा, रेखसिंह पूर्व सरपंच आदि मौजूद थे।
इधर पूर्व विधायक दर्शनसिंह गुर्जर व हाकिमसिंह ने कहा कि मासलपुर क्षेत्र के गांवों को सेंचुरी में जोडऩे से लोगों में भारी रोष है। इसे लेकर मासलपुर क्षेत्र के पंच-पटेलों व जनप्रतिनिधियों ने तय किया है कि क्षेत्र में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। उसके बाद महापंचायत होगी।