अप्रेल माह में कोरोना संक्रमण ने जिले में तेजी से पैर पसार हैं, जिसके चलते शहर से लेकर गांव-ढाणियों तक लोग कोरोना की चपेट में आए हैं। जगह-जगह कोरोना संक्रमण रोगी सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग ने भी कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे की खातिर जांच नमूनों की संख्या में वृद्धि की, जिससे लैब में जिलेभर से एक हजार से लेकर १२०० तक नमूने जांच के लिए पहुंचने लगे। अधिक नमूने पहुंचने के कारण सभी नमूनों की जांच दूसरे दिन नहीं आ पा रही थी। इससे जांच रिपोर्ट में देरी भी होती।
कोरोना महामारी के दौर में चिकित्सा व्यवस्थाएं बेहतर बनी रह सकें, इसके लिए पिछले दिनों चिकित्साकर्मियों, लैब टैक्निशियन (यूटीबी बेस) पर लगाए गए। इससे सामान्य चिकित्सालय में भी लैब टेक्निशियन मिले, जिसके बाद चिकित्सालय प्रशासन ने मंगलवार रात से कोविड जांच शुरू कर दी।
वर्तमान में लैब में दो चिकित्सक, १८ टेक्निशियन है और ७ एलए तथा ५ कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत हैं। सामान्य चिकित्सालय की आरटीपीसीआर लैब की नोडल अधिकारी डॉ. धर्मबाई मीना हैं।
गौरतलब है कि यहां सामान्य चिकित्सालय में कोरोना की जांच के लिए १७ दिसम्बर २०२० में कोबिड लैब का संचालन शुरू हो गया था। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार तब ले अभी तक लैब में ५३ हजार से अधिक नमूनों की जांच की जा चुकी है।
सामान्य चिकित्सालय में लैब में कोरोना नमूनों की जांच की व्यवस्था अब रात्रि में भी कर दी गई है। नया स्टाफ (लैब टेक्निशियन) मिलने से रात्रि में भी अब जांच शुरू की गई हैं। इससे जांच रिपोर्ट जल्दी आ सकेगी। हमारा पूरा प्रयास यही है कि दूसरे रही दिन जांच रिपोर्ट तैयार हो जाए।
डॉ. धर्मबाई मीना, नोडल अधिकारी आरटीपीसीआर लैब, सामान्य चिकित्सालय करौली