उन्होंने बैंको को तय समय सीमा में स्वीकृत ऋण का लक्ष्य पूर्ण करने, समय पर खाता खोलने, एनपीए चल रहे खातों की नियमानुसार वसूली कि कार्रवाई करने, अनावश्यक रूप से आवेदकों को चक्कर नहीं लगवाने के संबंध में बैंकर्स को निर्देश दिए। कलक्टर ने सरकार द्वारा चल रहे कार्यक्रमों के तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री लघु उद्यमी प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राजस्थान अनुसूचित जनजाति निगम, एनपीए चल रहे खाता धारकों से वसूली संबंधी कार्रवाई, एसएचजी, बड़ौदा रोजगार विकास संस्थान द्वारा संचालित कार्य, वित्तीय साक्षरता एवं ऋण परामर्श केन्द्र, वित्तीय समावेशन, शिक्षा ऋण योजना, डिजिटाइजेशन, विनियामक पैकेज और गांरटी इमरजेंसी क्रेडिट योजना सहित अन्य संचालित योजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की।
इस दौरान एसबीआई के प्रबंधक को हर क्षेत्र में सबसे कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की एवं अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति लाने की हिदायत दी। बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक अमर सिंह ने बताया कि भारत सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशानुसार सभी बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र सहित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र मे विशेष रूप से ऋण दिया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में 1723.90 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरूद्ध 1119.86 करोड़ का ऋण वितरण किया गया। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक एमएल मीना ने संभव्यतायुक्त ऋण योजना बनाने के लिए वृहद क्षेत्रवार पीएलपी 2021-22 का अनुमान से प्रस्तुत किया। एनआरएलएम के प्रबंधक फूलसिंह मीना, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी धर्मेन्द्र मीना सहित बैंकर्स व अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।