समय रहते नगरपरिषद की ओर से सर्किलों की देखरेख नहीं गई, नतीजतन नुकसान होता चला गया और अब शहर के लगभग सभी सर्किल बदहाल हो गए हैं, ऐसे में लाखों रुपए के सरकारी राशि का नुकसान हुआ है। कुछ वर्ष पहले पुरानी कलक्ट्री सर्किल स्थित हनुमान मंदिर, ट्रक यूनियन स्थित हनुमान मंदिर, शिकारगंज, मासलपुर चुंगी स्थित तिराहों को सुन्दरता की दृष्टि से सजाया-संवारा गया था। सर्किलों पर लाल पत्थर लगाने के साथ पत्थरों के डिजाइनदार पिलर, जालीदार पत्थर आदि लगाए गए।
वहीं शिकारगंज पर लोहे के पोल लगाकर उन पर लोहे की चेन लगाई गई, लेकिन इन सभी सर्किलों की अब दुदर्शा हो गई है। वाहनों की टक्कर से सर्किलों पर टूट-फूट बीच-बीच में होती रही, लेकिन समय रहते नगरपरिषद की ओर से ध्यान ही नहीं दिया गया। देखरेख के अभाव में एक के बाद एक पत्थर उखड़ते रहे, जिससे सभी सर्किल दुदर्शा का शिकार हुए हैं। विशेष बात यह है कि पुरानी कलक्ट्री सर्किल स्थित हनुमान मंदिर, ट्रक यूनियन स्थित हनुमान मंदिर, मासलपुर चुंगी स्थित तिराहा सर्किल तो एनएच11 बी हाईवे पर हैं, जहां से अधिकारियों की खूब आवाजाही भी होती है, लेकिन कुछ टूट-फूट होने के दौरान इनकी अनदेखी ही की जाती रही है। वहीं शिकारगंज स्थित सर्किल की चेन ही गायब हुई है।
इतना ही नहीं सर्किल पर गंदगी का भी अंबार लगा है, जिससे वहां सुन्दरता के बजाए बदसूरती नजर आती है। गंदगी के कारण आवागमन भी बाधित होता है और आसपास के दुकानदार भी गंदगी से परेशान रहते हैं। जानकारों का कहना है कि अब पुन: सर्किलों को संवारने के लिए लाखों रुपए खर्च करने होंगे। गौरतलब है कि इन सर्किलों को संवारने से सर्किलों पर सुन्दरता झलकती थी, जिससे जिला मुख्यालय पर आने वाले लोगों को भी अच्छा लगता था।
और बच सकता है नुकसान
लोगों का कहना है कि अब भी जिम्मेदार सर्किलों की देखरेख कर इनकी मरम्मत कराई जाए तो और नुकसान से बचा जा सकता है। अभी भी सर्किलों पर लाल पत्थर जो लगे हुए हैं, उन्हें टूट-फूट से बचाने के लिए परिषद द्वारा इनकी मरम्मत करा दी जाए तो लाखों रुपए के नुकसान से बचा जा सकता है।