जलग्रहण के कार्यों की समीक्षा करते हुए जिले के कम गांवों में कार्य होने पर मंत्री ने उनकी संख्या बढ़ाकर प्रगति अर्जित करने के निर्देश दिए। वाटरशेड में ब्लो राशि में टेण्डर होने को लेकर मंत्री बोले कि जब ब्लो राशि में निविदाएं होंगी तो क्या गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सकेंगे। उन्होंने वाटरशेड के अभियंताओं से कहा कि छोटे-छोटे टेण्डर करने से अच्छा है कि बड़ा टेण्डर किया जाए, ताकि गुणवत्तापूर्ण कार्य के साथ ठेकेदार फर्म की जबावदेही तय हो सके।
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा में मंत्री रमेश ने अधिकारियों से कहा कि जहां भी व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हो, वहां ये देखा जाए कि उनका उपयोग हो रहा है या नहीं। ऐसा ना हो कि आसपास गंदगी हो रही है और लोग परेशान हैं। उन्होंने गांवों में ठोस-तरल कचरा प्रबंधन के परिणाम लाने पर जोर दिया। बोले कि गांवों में सफाई, ड्रेनेज सिस्टम के लिए कार्ययोजना बनाई जाए, ताकि जो राशि खर्च हो, उसका बेहतर उपयोग हो सके।
जिला परिषद के लाइन डिपार्टमेंटों के कार्यों को लेकर भी मंत्री ने पूछताछ की। उन्होंने वन विभाग की ओर से कराए जा रहे कार्यों की जांच को लेकर सीईओ से पूछा कि क्या आपने कभी कार्यों को जाकर देखा है। सीईओ द्वारा बगलें झाकने पर मंत्री ने कहा कि जब भुगतान आपके यहां से हो रहा है तो आप क्या देख रहे हो। उन्होंने सीईओ को एक कमेटी गठित कर गत 3 वर्षों में सभी लाइन डिपार्टमेंट द्वारा कराए गए सभी कार्यों की जांच कराने के निर्देश दिए।
राजीविका की समीक्षा के दौरान राजीविका अधिकारी ने विभिन्न कार्यक्रमों के आंकड़े प्रस्तुत किए, तो मंत्री बोले कि प्रदेश में करौली जिला बहुत पीछे है। आप धरातल पर काम बताओ, आंकड़ों मत गिनाओ। कार्यक्रमों से गरीब महिलाओं को जोड़ो। क्षेत्र में जो हुनर का कार्य है, उसे आगे बढ़ाओ ताकि जिले की पहचान बने। हालांकि इस दौरान राजीविका अधिकारी की ओर से बताया गया कि जिले में बैंकों से समूहों को राशि मिलने में परेशानी है। इस पर मंत्री ने समस्या समाधान का भरोसा दिलाया।