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करौली में 15 वर्ष से उलझा है पांचना बांध के पानी का पेंच

locationकरौलीPublished: Jan 28, 2022 12:08:39 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

करौली. यहां से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित पांचना बांध की नहरों से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने का पेच करीब डेढ़ दशक से अनसुलझा है।

करौली में 15 वर्ष से उलझा है पांचना बांध के पानी का पेंच

करौली में 15 वर्ष से उलझा है पांचना बांध के पानी का पेंच

दिनेश शर्मा
करौली. यहां से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित पांचना बांध की नहरों से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने का पेच करीब डेढ़ दशक से अनसुलझा है। इस बार भी बांध में भरपूर पानी होने के बाद भी बांध से सिंचाई के लिए पानी की निकासी विवाद की आशंका में अभी नहीं हो सकी है। हालांकि इस बांध की जल वितरण समिति की शुक्रवार शाम को बैठक होनी है, जिसमें बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने के बारे में चर्चा की जाएगी।
करौली-सवाईमाधोपुर जिले के करीब तीन दर्जन गांवों की 10 हजार हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को सिंचित करने के उद्देश्य से पांचना बांध का निर्माण कराया गया था। लेकिन बांध के पानी का ऐसा पेच उलझा है कि डेढ़ दशक से बांध से सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा सका है। हालांकि अब विभागीय अधिकारी गुड़ला-पांचना लिफ्ट परियोजना के पूर्ण होने का दावा करते हुए इस पेच के सुलझ जाने को लेकर आश्वास्त नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब पांचना का पेंच सुलझने और और नहरों में बांध का पानी छोड़े जाने की उम्मीद की जाने लगी है। इसी क्रम में सभी की नजर शुक्रवार को संभागीय आयुक्त भरतपुर की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए होने वाली जल वितरण समिति की बैठक पर टिकी है।
पांचना बांध की फैक्ट फाइल

गौरतलब है कि करौली के 18 और सवाईमाधोपुर के 16 गांव यानि कुल 34 गांवों की 9985 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई की मंशा से पांच प्रमुख नदियों को जोड़ते हुए करौली-हिण्डौन मार्ग पर गुड़ला गांव के समीप बांध का निर्माण हुआ था। वर्ष 1977 में पांचना बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ, जो वर्ष 2004 में पूर्ण हुआ।
इस बांध की कुल भराव क्षमता गेज 258.62 मीटर पर 2100 एमसीएफटी है, जिसमें 240 एमसीएफटी डेड स्टोरेज एवं 1860 एमसीएफटी लाइव स्टोरेज है। सवाईमाधोपुर जिले की बजीरपुर तहसील के 16 गांवों की 5089.03 हैक्टेयर एवं करौली जिले के 18 गांवों जिनमें हिण्डौन तहसील के 4 गांव, नादौती के 6 गांव, टोडाभीम के 8 गांवों की भूमि को सिंचित करना शामिल है।
ये फंसा है पेंच

बांध निर्माण पूरा होने पर नहरों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाने लगा, तो बांध के कमाण्ड एरिया किसानों में खुशी छा गई। लेकिन इसी बीच बांध के समीपवर्ती गांवों (अनकमाण्ड क्षेत्र) के किसानों द्वारा पहले उनकी भूमि को बांध से पानी उपलब्ध कराने की मांग उठी और इसी विरोध के चलते वर्ष 2006 से बांध से नहरों में पानी निकासी बंद कर दी गई। वर्ष दर वर्ष प्रयासों के बाद भी तभी से सिंचाई के लिए बांध से पानी छोड़ा जाना बंद है। अनकमाण्ड क्षेत्र के किसानों का कहना है कि बांध के पड़ोसी गांवों के किसानों की भूमि सूखी रहे और अन्य क्षेत्र की भूमि सिंचित हो, इसको कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है।
पहले उनके लिए पानी के प्रबंध होने चाहिए। उनका तर्क है कि बांध से पानी छोडऩे से उनके जलस्रोतों का स्तर नीचे चला जाता है। इस कारण वे अपने क्षेत्र के बीच बने बांध से पानी निकासी का विरोध कर रहे हैं और 15 वर्ष से सिंचाई के लिए नहरों में पानी की निकासी थमी रुकी है। जबकि कमाण्ड एरिया के किसान सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की लगातार मांग करते आ रहे हैं। इस विवाद के चलते हर साल बांध का पानी सूख जाता है। हालांकि परम्परा के अनुसार प्रतिवर्ष भगवान श्रीमहावीर के वार्षिक मेले के लिए गंभीर नदी में पानी छोड़ा जाता रहा है।
जनप्रतिनिधियों ने भी किए प्रयास

बांध से सिंचाई के लिए जल निकासी किए जाने के मामले में गंगापुरसिटी विधायक रामकेश मीणा तथा टोडाभीम विधायक पीआर मीणा की ओर से मुख्यमंत्री से कई बार मांग की गई है। दोनों ने उच्च स्तर पर प्रयास भी किए हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर विरोध के चलते मामले का निस्तारण नहीं हो पाया है।
एक दशक तक रेंगी लिफ्ट परियोजना
मामले को सुलझाने के लिए पांचना बांध के आसपास के गांवों की कृषि भूमि को पानी देने के लिए करीब एक दशक पहले सरकार ने पांचना गुड़ला लिफ्ट परियोजना स्वीकृत की । अनुबंध के अनुसार लिफ्ट परियोजना का कार्य 9 माह में पूर्ण होना था, लेकिन यह परियोजना भी मंद गति से रेंगती रही। इस परियोजना के तहत 200 एमसीएफटी पानी लिफ्ट करके बांध के आसपास के 13 गांवों की 1973 हैक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाना है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना के तहत इंटेक वैल, पाइप, डिग्गी, फीडर तथा माइनर नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
इनका कहना है….

पांचना गुड़ला लिफ्ट परियोजना का कार्य पूर्ण हो चुका है। बांध के सिंचित क्षेत्र में रबी फसल की सिंचाई को लेकर शुक्रवार को जल वितरण समिति की बैठक संभागीय आयुक्त भरतपुर की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रंसिंग के माध्यम से होगी।
सुशीलकुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन खण्ड, करौली

–पांचना-गुड़ला लिफ्ट परियोजना का कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं है। हमारी ओर से बांध क्षेत्र के समीपवर्ती लगभग 39 गांवों को परियोजना में जोडऩे की मांग है, लेकिन अभी तक अनेक गांवों को जोड़ा ही नहीं है और जिनको जोड़ा है, उनमें भी कार्य अपूर्ण है। नहर से खेत में पानी भी नहीं पहुंच सकता, क्योंकि लेबल ही नीचा है। वहीं नहरों की चौड़ाई भी बेहद कम है। इससें हम संतुष्ट नहीं है। इन सभी बातों को बैठक में रखा जाएगा।
अशोक सिंह धावाई, सदस्य, पांचना-गुड़ला संघर्ष समिति

-संवाद और सहमति से पांचना बांध की नहरें खुलें, ताकि फसलों को पानी मिल सके। कमाण्ड एरिया और बांध के समीपवर्ती गांवों को भी सिंचाई के लिए पानी मिले, हम उसके पक्षधर हैं। हमें सरकार और प्रशासन से पांचना बांध से नहरों में पानी छोड़ जाने की पूरी उम्मीद है।
महेन्द्र मीना, महामंत्री पांचना डेम कमाण्ड एरिया परिषद
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