वहीं चिकित्सालय सूत्रों का कहना है कि पहले कुछ आक्षेपों के चलते देरी हुई। आक्षेपों की पूर्ति भी कर दी गई, उच्च स्तर से टीम ब्लड बैंक का दौरा भी कर चुकी है। लेकिन अब तक लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ है। गौरतलब है कि राजकीय सामान्य चिकित्सालय में वर्ष 1997 में ब्लड बैंक के लिए पहली बार अनुज्ञा पत्र जारी हुआ था। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार अनुज्ञा पत्र को निर्धारित समय पर नवीनीकरण (रिन्यू) कराना अनिवार्य है। लाइसेंस नवीनीकरण की यह प्रक्रिया औषधि नियंत्रक संगठन जयपुर के माध्यम से उपऔषधि नियंत्रक (भारत) गाजियाबाद (यूपी) स्तर से होती है।
दिसम्बर 2017 में पूरी हो गई अवधि
चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार राजकीय सामान्य चिकित्सालय की ब्लड बैंक के लिए जारी किया गया लाइसेंस 31 दिसम्बर 2017 को पूरा हो चुका है। नियमानुसार बिना लाइसेंस के ब्लड बैंक का संचालन नहीं किया जा सकता। हालंकि चिकित्सालय प्रशासन की ओर से लाइसेंस की अवधि पूरी होने से पहले ही 15 नवम्बर 2017 को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करते हुए निर्धारित शुल्क भी भिजवा दिया गया। साथ ही दस्तावेज संबंधी दस्तावेजों की पूर्ति करते हुए भिजवाए गए थे।
टीम भी कर चुकी दौरा
चिकित्सालय सूत्र बताते हैं कि ब्लड बैंक लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करने के बाद उस समय औषधि निरीक्षकों (डीआई) की ओर से ब्लड बैंक के निरीक्षण की औपचारिकता भी पूरी कर ली गई। जिसकी रिपोर्ट भी तैयार हो गई। इस दौरान सामने आई कमियों की पूर्ति कर आक्षेप संबंधी रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई, लेकिन अब तक लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ है। ऐसे में चिकित्सालय प्रशासन की ओर से बिना नवीनीकरण के ही ब्लड बैंक को संचालित किया जा रहा है। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार औषधि नियंत्रक जयपुर की ओर से गाजियाबाद को राजकीय चिकित्सालय करौली ब्लड सेन्टर के नवीनीकरण फार्म को अनुमोदित करने के संबंध में भेजे गए पत्र की प्रति गत माह प्राप्त हुई थी, लेकिन अभी तक चिकित्सालय प्रशासन को नवीनीकरण होने संबंधी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
चिकित्सालय सूत्र बताते हैं कि ब्लड बैंक लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करने के बाद उस समय औषधि निरीक्षकों (डीआई) की ओर से ब्लड बैंक के निरीक्षण की औपचारिकता भी पूरी कर ली गई। जिसकी रिपोर्ट भी तैयार हो गई। इस दौरान सामने आई कमियों की पूर्ति कर आक्षेप संबंधी रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई, लेकिन अब तक लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ है। ऐसे में चिकित्सालय प्रशासन की ओर से बिना नवीनीकरण के ही ब्लड बैंक को संचालित किया जा रहा है। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार औषधि नियंत्रक जयपुर की ओर से गाजियाबाद को राजकीय चिकित्सालय करौली ब्लड सेन्टर के नवीनीकरण फार्म को अनुमोदित करने के संबंध में भेजे गए पत्र की प्रति गत माह प्राप्त हुई थी, लेकिन अभी तक चिकित्सालय प्रशासन को नवीनीकरण होने संबंधी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
इनका कहना है..
हमने ब्लड बैंक के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए हमारी ओर से पूरी प्रक्रिया कर दी है। संबंधित दस्तावेज भी भिजवा दिए गए हैं। पूर्व में कुछ कमियां बताई गई थीं, जिनकी भी पूर्ति कर दी गई है। नवीनीकरण के लिए पत्राचार भी किया गया। नवीनीकरण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. पूरणमल वर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, सामान्य चिकित्सालय करौली
हमने ब्लड बैंक के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए हमारी ओर से पूरी प्रक्रिया कर दी है। संबंधित दस्तावेज भी भिजवा दिए गए हैं। पूर्व में कुछ कमियां बताई गई थीं, जिनकी भी पूर्ति कर दी गई है। नवीनीकरण के लिए पत्राचार भी किया गया। नवीनीकरण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. पूरणमल वर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, सामान्य चिकित्सालय करौली