गौरतलब है कि बकाया वेतन-मानदेय की मांग को लेकर बुधवार से ठेकाकर्मी और स्थायी सफाई कार्मिक हड़ताल पर चले गए थे, जो अभी भी हड़ताल पर हैं। इससे कचरे के ढेर और बढ़ गए। शहर के विभिन्न बाजारों में कचरे के ढेर लगे हैं। आवागमन बाधित हो रहा है। गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य मार्गों तक कचरा-गंदगी होने से लोग परेशान हैं। उनका कहना है कि भीषण गर्मी के दौर में कचरा और दुर्गंध से स्थिति खराब हो रही है।
राष्ट्रीय वंचित लोकमंच सफाई प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ग्यारसीलाल हल्दिया ने बताया कि स्थायी सफाई कार्मिकों का तीन माह का वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बार-बार मांग के बावजूद परिषद की ओर से उनकी सुनवाई नहीं की जा रही। इससे वे परेशान हैं। पिछले दिनों इस बारे में जिला कलक्टर को भी अवगत कराया गया था। ऐसे में मजबूरन उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है। उनके साथ ठेकाकर्मी भी हड़ताल में शामिल है।
इधर नगरपरिषद आयुक्त नरसी मीना का कहना है कि सफाई कार्मिकों के वेतन की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। कुछ तकनीकी समस्या के कारण देरी हुई है। एक-दो दिन में वेतन का भुगतान हो जाएगा।