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करौली में प्रकृति से रू-ब-रू कराएगी लवकुश वाटिका

locationकरौलीPublished: May 20, 2022 12:26:58 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

जिले में पर्यटन विकास की बढ़ रही उम्मीदेंखोहरी के समीप विकसित होगी लवकुश वाटिकाकार्ययोजना तैयार, सरकार से हरी झण्डी का इंतजार

करौली में प्रकृति से रू-ब-रू कराएगी लवकुश वाटिका

करौली में प्रकृति से रू-ब-रू कराएगी लवकुश वाटिका

दिनेश शर्मा

करौली. पर्यटन की विपुल संभावनाओं को अपने आंचल में समेटे क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा को अब जल्द ही संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो अगले वर्ष तक जिले के कैलादेवी नेचर कैम्प खोहरी में ईको ट्यूरिज्म के तहत लवकुश वाटिका विकसित हो जाएगी। इस लवकुश वाटिका के प्रति देशी-विदेशी सैलानी आकर्षित हो सकें, इसके लिए विभाग की ओर से प्लानिंग की जा रही है। ऐसा होने पर यहां पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा और अब तक उपेक्षा का शिकार रहे जिले के पर्यटन स्थलों को पंख लग सकेंगे। साथ ही रोजगार के अवसर पर विकसित होंगे।
खोहरी (कैलादेवी) के समीप इको ट्यूरिज्म लवकुश वाटिका विकसित करने के लिए वन विभाग की ओर से कार्ययोजना तय कर ली गई है।
पिछले दिनों जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्तावित कार्यों का अनुमोदन हो चुका है। सूत्रों के अनुसार अनुमोदित कार्यों की हरी झण्डी के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवा दिए गए हैं। जहां से स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी बजट सत्र में प्रदेश में ईको ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में दो-दो करोड़ रुपए की लागत से वन क्षेत्रों व उसके समीप के क्षेत्र को शामिल करते हुए ईको ट्यूरिज्म लवकुश वाटिका विकसित करने की घोषणा की थी।
बनेगा प्रकृति पथ और लगेंगी ईको फ्रेंडली हट
वन विभाग सूत्रों के अनुसार जिले की ईको ट्यूरिज्म साईट कैलादेवी नैचर कैम्प खोहरी में वन क्षेत्र को लवकुश वाटिका विकसित करने की कार्ययोजना तय की है। इसके तहत करीब 1500 मीटर पक्की दीवार का निर्माण होगा, जिसकी ऊंचाई 6 फीट होगी। साथ ही लोहे के एंगल लगाकर तारबंदी की जाएगी। वहीं रास्तों की मरम्मत के साथ प्रकृति पथ बनाया जाएगा। लवकुश वाटिका में वोट, सैफ्टी जेकेट्स, कैम्पिंग के लिए ईको फ्रेंडली हट बनाए जाएंगे, वहीं वाटिका में रोशनी के प्रबंध के लिए सोलर सिस्टम लगाया जाएगा और बोरिंग कराई जाएगी। वाटिका में अस्थाई टिकट बुकिंग खिड़की, ईको शॉप विकसित करने के साथ अस्थायी बॉयो टायलेट का निर्माण होगा।
वाटिका को हरा-भरा बनाने के लिए करीब 4 हजार छायादार पौधे भी लगाने की प्लानिंग है। पर्यटकों को बैठने के लिए बैंच लगवाने के साथ पानी के प्रबंध होंंगे और ईको फ्रेंडली लकड़ी का वाच टावर बनाया जाएगा। पर्यटकों के विश्राम के लिए ईको कैम्प टेंट की व्यवस्थ और करीब 3 हजार घन मीटर में लूज चैक डैम नालों पर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही वाटिका में पेंटिंग एवं आकर्षक डिजाइनिंग का कार्य एवं साईन बोर्ड लगाए जाएंगे। यह सभी कार्य वर्ष 2022-23 में ही कराने की कार्ययोजना बनाई गई है। विशेष बात यह है कि नेचर कैम्प कैलादेवी-खोहरी की यह कार्ययोजना 2022 से 2032 तक में शामिल की गई है।
ताकि आमजन प्रकृति से हो सके रू-ब-रू
कैलादेवी नेचर कैम्प खोहरी विभाग के रेंज करौली के वन क्षेत्र के अन्तर्गत है। करौली के प्राचीन इतिहास को सहेजने एवं प्रकृति से आमजन को रू-ब-रू करने के उद्देश्य से ईको ट्यूरिज्म साइट लवकुश वाटिका खोहरी को विकसित किया जाएगा। विभाग का मानना है कि इसके विकसित होने से न केवल वन एवं वृक्षों के संरक्षण के लिए जनचेतना जागृत होगी, बल्कि लोगों को प्रकृति से रू-ब-रू होने का अवसर मिलने के साथ करौली को पर्यटन स्थल के रूप में एक नई पहचान मिलेगी।
10 हैक्टेयर क्षेत्रफल में बनेगी वाटिका
खोहरी वनखण्ड का कुल क्षेत्रफल 4456.88 हैक्टेयर है, जो रक्षित वनक्षेत्र है। इस वनखण्ड के 10 हैक्टेयर क्षेत्रफल में ईको ट्यूरिज्म लवकुश वाटिका बनाई जाएगी। जिस स्थान पर वाटिका बनाना प्रस्तावित है, उसकी दूरी करौली जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर है, जबकि प्रसिद्ध आस्थाधाम कैलादेवी के समीप है। चूंकि कैलादेवी में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
इनका कहना है……
मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत कैलादेवी नैचर कैम्प खोहरी में लवकुश वाटिका विकसित करने की कार्ययोजना बना ली गई है।इसमें विभिन्न कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। प्रस्तावित कार्यों का जिला स्तर पर अनुमोदन होने के बाद प्रस्ताव उच्च स्तर पर भिजवा दिए गए हैं। जहां से स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्रवाई होगी।
सुमित बंसल, उपवन संरक्षक करौली

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