चिकित्सालय सूत्र बताते हैं कि चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट के जनरेटर के अलावा दो जनरेटर लगे हुए हैं, जिनसे वार्डों सहित चिकित्सालय परिसर में सप्लाई की जाती है। इनमें एक जनरेटर 50 केवीए का है, जबकि दूसरा 82.5 केवीए का है। एक जनरेटर ऑटो मोड पर है, जबकि दूसरे को बिजली गुल होने पर मैन्यूअल रूप से चलाना पड़ता है। भीषण गर्मी के दौर में जब बिजली गुल होती है तो जनरेटरों पर लोड बढ़ जाता है और कई बार चलते हुए बंद हो जाते हैं। इससे पंखे-कूलर, एसी बंद होने से रोगियों का हाल-बेहाल हो जाता है। वहीं एक्सरे, जांच लेब, सोनोग्राफी आदि जांचों में परेशानी आ जाती है।
दो वर्ष से ट्रांसफार्मर बंद
सामान्य चिकित्सालय परिसर में पृथक से ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार एक ट्रांसफार्मर करीब दो वर्ष से अधिक समय से कुछ कमियों के कारण बंद पड़ा है। जबकि उससे कम क्षमता का ट्रांसफार्मर चालू है।
इनका कहना है..
अस्पताल में एक्सप्रेस फीडर से बिजली आपूर्ति होती है, लेकिन उसमें भी कई बार बिजली चली जाती है। वर्तमान में दो जनरेटर लगे हैं। फिलहाल अधिक बिजली का लोड भी अधिक बढ़ा हुआ है। एक उच्च क्षमता के जनरेटर के लिए प्रक्रिया जारी है।
डॉ. पूरणमल वर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, करौली