यूनिट में यह होगा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय वृद्धजन देखभाल कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला चिकित्सालय में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पृथक से ओपीडी (आउडडोर) और आईपीडी (इनडोर) की व्यवस्था होनी है। 10 पलंगों के पृथक से बनने वाली जैरियाट्रिक यूनिट में सभी आधुनिक चिकित्सकीय संसाधन भी उपलब्ध होंगी। विशेष बात यह है कि इस यूनिट के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी करीब पांच माह पहले जारी हो चुकी है।
यहां जिला चिकित्सालय में वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों के लिए पृथक से पर्ची कांउटर तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अन्य रोगियों के साथ ही वे कतार में खड़े होकर पर्ची लेते हैं, उसके बाद चिकित्सक को दिखाने के लिए भी उन्हें कतार में खड़ा होना मजबूरी होता है। इसके अलावा मेडिकल वार्ड में भी अन्य रोगियों के साथ ही उन्हें भर्ती किया जाता है। इस वार्ड के बनने से इन सभी कार्यों के लिए पृथक से व्यवस्था होगी। ओपीडी के लिए फिजिशियन चिकित्सक की व्यवस्था होगी, जबकि पृथक वार्ड बनने से उनकी चिकित्सकीय सार-संभाल भी बेहतर होगी। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को पृथक से वार्ड बनने से एक फायदा यह भी होगा कि आईसीयू में भर्ती रोगियों का दबाव कम होगा। विशेष आवश्यकता होने की स्थिति में ही उन्हें आईसीयू में भर्ती किया जाएगा। इसके साथ ही मौसमी बीमारियों के दौर में मेडिकल वार्ड में होने वाली पलंगों की किल्लत से भी काफी हद तक छुटकारा मिल सकेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय वृद्धजन देखभाल कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला चिकित्सालयों में जेरियाट्रिक यूनिट स्थापित की जानी है, जिसके लिए आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण मंगाए जा चुके हैं। शीघ्र ही यह यूनिट शहर में स्थित पुराने चिकित्सालय भवन में शुरू हो जाएगी। चूंकि पुराने भवन में स्थान अभाव और नए भवन की दूरी अधिक होने के चलते इसके संचालन में देरी हुई है, लेकिन अब इसे पुराने भवन में ही संचालित किया जाएगा।-डॉ. पूरणमल वर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय करौली