सामरिक दृष्टि से करौली शहर का सुरक्षा कवच था परकोटा
करौलीPublished: Dec 04, 2022 12:38:56 pm
करौली. सियासतकालीन ऐतिहासिक इमारतों में शहर का सुरक्षा कवच माने जाने वाला परकोटे का अहम स्थान है। परकोटे की शिल्पकारी में रियासतकालीन भव्यता झलकती है। लाल पत्थरों निर्मित सैकड़ों वर्ष पुराना परकोटा आज भी अपनी मजबूती और भव्यता को दर्शाता है। इतिहासकार वेणगुगोपाल शर्मा के अनुसार महाराजा गोपालसिंह ने मराठों के बार बार आक्रमण के चलते अपनी प्रजा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मजबूत परकोटे का निर्माण कराया था। मराठा शासन में कई बार आक्रमण हुए। जिससे जनता त्रस्त हो गई थी। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से 17


करौली. भद्रावती नदी किनारे बना परकोटा।
करौली. सियासतकालीन ऐतिहासिक इमारतों में शहर का सुरक्षा कवच माने जाने वाला परकोटे का अहम स्थान है। परकोटे की शिल्पकारी में रियासतकालीन भव्यता झलकती है। लाल पत्थरों निर्मित सैकड़ों वर्ष पुराना परकोटा आज भी अपनी मजबूती और भव्यता को दर्शाता है। इतिहासकार वेणगुगोपाल शर्मा के अनुसार महाराजा गोपालसिंह ने मराठों के बार बार आक्रमण के चलते अपनी प्रजा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मजबूत परकोटे का निर्माण कराया था। मराठा शासन में कई बार आक्रमण हुए। जिससे जनता त्रस्त हो गई थी। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से 1724 से 1757 के बीच परकोटा बनवाया गया था।