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कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र से फिर आई यह खुशखबरी

locationकरौलीPublished: Oct 15, 2023 08:05:56 pm

Submitted by:

Dinesh sharma

करौली. जिले के कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में एक बार फिर खुश-खबरी फैली है। रणथंभौर बाघ परियोजना (द्वितीय) करौली के नैनियाकी रेंज में बाघिन टी-135 ने दो शावकों को जन्म दिया है।

कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र से फिर आई यह खुशखबरी
कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र से फिर आई यह खुशखबरी
करौली. जिले के कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में एक बार फिर खुश-खबरी फैली है। रणथंभौर बाघ परियोजना (द्वितीय) करौली के नैनियाकी रेंज में बाघिन टी-135 ने दो शावकों को जन्म दिया है। इससे कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में बाघों का कुनबा बढ़ा है। साथ ही वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी छाई है।
रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाईमाधोपुर के द्वितीय क्षेत्र कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य के उपवन संरक्षक एवं उपक्षेत्र निदेशक नाहर सिंह सिनसिनवार ने बताया कि सपोटरा मुख्यालय के नैनिया की रेंज के अन्तर्गत नाका खोह के वनखण्ड सिमिर खोह ए में रविवार को बाघिन-टी -135 अपने दो शावकों के साथ कैमरा ट्रेप हुई है। दोनों शावकों पूर्ण रूप से स्वस्थ्य नजर आए हैं। रणथम्भौर बाघ परियोजना की बाघिन टी-135 का लम्बे समय से करौली जिले के कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य में मूवमेंट बना हुआ है। उन्होंने बताया कि दोनों शावकों के विचरण क्षेत्र में विभाग की टीम द्वारा पूरी निगरानी की जा रही है। विचरण क्षेत्र में कैमरा ट्रेप लगाए गए हैं। साथ ही स्टाफ द्वारा सघन गश्त की जा रही है।

कई टाइगर देते रहे हैं दस्तक
रणथम्भौर में बाघों की बढ़ती संख्या के बीच पिछले वर्षों में कई बाघों ने कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र की ओर रुख किया है। हालांकि ये बाघ कभी रणथम्भौर तो कभी धौलपुर तक आते-जाते रहे हैं। कुछ वर्ष पहले यहां टी-118, टी-80 तूफान, टी-72 सुल्तान, टी-92 सुंदरी के अलावा अन्य बाघ भी दस्तक दे चुके हैं। इनमें से टाइगर सुल्तान और सुंदरी का तो जोड़ा ही बन गया। इन दोनों मण्डरायल क्षेत्र का नींदर रेंज खूब भाया और यहां पर लम्बे समय तक ठहराव भी किया। इसी बीच कुछ वर्ष पहले इस जोड़े ने दो शावकों को जन्म देकर कैलादेवी अभयारण्य में खुशखबरी भी फैलाई थी। वहीं बाघिन टी-118 भी जनवरी 2021 में दो शावकों के साथ कैलादेवी रेंज के अन्तर्गत नाका राहर ब्लॉक चिरमिल के घोड़ीखोह नाले में कैमरे में ंफोटो ट्रेप हुए थे।

वर्तमान में है 5 बाघों का मुवमेंट
वर्तमान में कैलादेवी वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र में 5 टाइगरों का मुवमेंट बना हुआ है। इनमें अब दो शावक हैं। कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र बाघों के लिए हर दृष्टि से अनुकूल है। करीब 72 हजार 131 हैक्टेयर क्षेत्र में फैला यह अभयारण्य क्षेत्र बाघों के लिए आदर्श आश्रय स्थल बन सकता है। रणथंभौर अभयारण्य को कॉरिडोर बनाकर टाइगर हेबिटेट जोन विकसित करने की भी मंशा इसी उद्देश्य से थी, लेकिन लम्बे समय तक इस ओर अधिक ध्यान नहीं दिया गया। गत वर्ष तीन रूठों पर पर्यटन सफारी का आगाज भी हुआ, लेकिन एक वर्ष में एक भी पर्यटक भ्रमण पर नहीं आया है।
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