तथा प्रोजेक्ट पर काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मिश्रा ने भद्रावती नदी के कल्लादह तथा पाइप लाइन के स्थानों का अवलोकन किया। इस दौरान विभाग के अधीक्षण अभियंता सीताराम मीना तथा अधिशासी अभियंता आशाराम मीना मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि नादौती में संकट दूर करने के लिएमण्डरायल, नादौती-सवाईमाधोपुर पेयजल योजना का काम चल रहा है। सालों से रेंग रही इस परियोजना के मार्च २०१८ तक भी पूरा होने की संभावना नहीं है। इधर जिले में कम बारिश के कारण नादौती में पेयजल की अभी से मारामारी मची है। गर्मी के मौसम में समस्या विकराल रूप धारण करेगी। इसके समाधान के लिए सरकार ने काम करना शुरू किया है।
योजना की लाइन से जोड़ेंगे
विभाग की प्रारम्भिक योजना के अनुसार भद्रावती नदी के कल्लादह के पेटे में लगभग २० नलकूप स्थापित होंगे। इनके पानी के भण्डारण के लिए मेला दरवाजे पर टंकी बनाई जाएगी। इन टंकियों को नलकूपों से जोड़ा जाएगा। पानी को मण्डरायल रोड स्थित चंबल परियजोना के टंकियों के स्टेशन में डाला जाएगा। जहां से मण्डरायल, नादौती, सवाईमाधोपुर पेयजल परियजोना की लाइनों से पानी नादौती भेजा जाएगा।
विभाग की प्रारम्भिक योजना के अनुसार भद्रावती नदी के कल्लादह के पेटे में लगभग २० नलकूप स्थापित होंगे। इनके पानी के भण्डारण के लिए मेला दरवाजे पर टंकी बनाई जाएगी। इन टंकियों को नलकूपों से जोड़ा जाएगा। पानी को मण्डरायल रोड स्थित चंबल परियजोना के टंकियों के स्टेशन में डाला जाएगा। जहां से मण्डरायल, नादौती, सवाईमाधोपुर पेयजल परियजोना की लाइनों से पानी नादौती भेजा जाएगा।
पाइप लाइनों का होगा उपयोग
मण्डरायल, नादौती-सवाईमाधोपुर पेयजल योजना रेंग रही है। इस कारण डाली गई लाइनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। अब वैकल्पिक और तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर भद्रावती नदी का पानी नादौती इलाके तक पहुंचाने में इन लाइनों का उपयोग किया जाएगा।
मण्डरायल, नादौती-सवाईमाधोपुर पेयजल योजना रेंग रही है। इस कारण डाली गई लाइनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। अब वैकल्पिक और तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर भद्रावती नदी का पानी नादौती इलाके तक पहुंचाने में इन लाइनों का उपयोग किया जाएगा।
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गौरतलब है कि चम्बल परियोजना का मुख्यमंत्री तथा विभाग के मंत्री निरीक्षण कर चुके है। बावजूद इसके योजना के कार्यों ने गति नहीं पकड़ी है। इस कारण नादौती में पानी पहुंचाने के लिए फिलहाल यह व्यवस्था की जा रही है।
गौरतलब है कि चम्बल परियोजना का मुख्यमंत्री तथा विभाग के मंत्री निरीक्षण कर चुके है। बावजूद इसके योजना के कार्यों ने गति नहीं पकड़ी है। इस कारण नादौती में पानी पहुंचाने के लिए फिलहाल यह व्यवस्था की जा रही है।
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धरने का माना जा रहा असर
नादौती क्षेत्र को अकालग्रस्त घोषित करने सहित पेयजल मसय के सामाधान की मांग के लिए किसानों ने डेढ माह तक नादौती में धरना दिया। मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा। किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से क्षेत्र को अकाल ग्रस्त घोषित करने की मांग तथा पेयजल समस्या की जानकारी दी। इधर जिला प्रशासन ने भी समस्या को गंभीरता से लेकर सरकार तक वास्तविक हालातों से अवगत कराया। माना जा रहा है कि इसके बाद ही नादौती क्षेत्र में पानी पहुंचाने की व्यवस्था के लिए गंभीरता से कवायद शुरू हुई है।
धरने का माना जा रहा असर
नादौती क्षेत्र को अकालग्रस्त घोषित करने सहित पेयजल मसय के सामाधान की मांग के लिए किसानों ने डेढ माह तक नादौती में धरना दिया। मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा। किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से क्षेत्र को अकाल ग्रस्त घोषित करने की मांग तथा पेयजल समस्या की जानकारी दी। इधर जिला प्रशासन ने भी समस्या को गंभीरता से लेकर सरकार तक वास्तविक हालातों से अवगत कराया। माना जा रहा है कि इसके बाद ही नादौती क्षेत्र में पानी पहुंचाने की व्यवस्था के लिए गंभीरता से कवायद शुरू हुई है।