ग्रामीण रिंकू कासलीवाल, रामकेश गुर्जर, तेज सिंह पमड़ी, विजय सिंह, जीतेन्द्र शर्मा आदि ने बताया की कस्बा सहित क्षेत्र के चांदन गांव अकबरपुर, नौरंगाबाद के हजारों परिवार फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं। पांच हजार लीटर पानी को शुद्ध करने की क्षमता के दोनों आरओ प्लांट विगत ९ माह से बंद पड़े हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जलदाय विभाग के कर्मचारी तकनीकी खराबी का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। श्रीमहावीरजी निवासी विनोद पाटनी ने बताया की बार-बार आरओ प्लांट के बंद रहने के कारण सरकार की शुद्ध जल उपलब्ध कराने की योजना फेल नजर आ रही है। कस्बे के गोपीसिंह गुर्जर का कहना है की करीब 9 माह से आरओ प्लांट बंद होने के कारण फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं।
नौरंगाबाद निवासी दिनेश गोयल ने बताया की ग्रामीणों को आरओ प्लांट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को शुद्व पानी की खातिर राशि खर्च कर शुद्व पानी खरीदना पड़ रहा है। आरओ प्लांट का संचालन एक कम्पनी को दे रखा है, लेकिन संवेदक कम्पनी के कर्मचारी मौके पर ही नहीं आते हैं। वहीं जलदाय विभाग द्वारा संवेदक पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ लिया जाता है।
ऐसे में ग्रामीण शुद्ध पानी से वंचित हो रहे हैं। पूर्व में ग्रामीण जलदाय विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में शिकायत दे चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा। इधर जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता रामजीत मीणा का कहना है की संवेदक कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा उच्चाधिकारियों को कर चुका है। शीघ्र ही दूसरी व्यवस्था की जाएगी।
इधर, पशुओं में बीमारी से पशुपालक चिंतित
फैलीकापुरा गांव में इन दिनो ने दुधारू पशु खुरपका-मुंहपका बीमारी की चपेट में हैं। बीमारी के चलते कई पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि अनेक रोग की चपेट में हैं। इससे पशुपालक चिंतित हैं। गांव के विकास जगरवाड़, जगराम मीणा आदि ने बताया की फैलीकापुरा की मीणा बस्ती, जाटव बस्ती, शाह बस्ती में पशुपालक मुरारी लाल मीणा, दिनेश सहित दर्जनों पशु पालकों की भैंस आदि दुधारु पशु बीमारी की चपेट में आने से काल का ग्रास बन गई हैं। साथ ही गांव में दर्जनों पशु भी खुरपका-मुंहपका बीमारी की चपेट में हैं। पशुओं में फैली इस बीमारी से पशुपालक चिंतित हैं। पशुओं की मौत से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।
फैलीकापुरा गांव में इन दिनो ने दुधारू पशु खुरपका-मुंहपका बीमारी की चपेट में हैं। बीमारी के चलते कई पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि अनेक रोग की चपेट में हैं। इससे पशुपालक चिंतित हैं। गांव के विकास जगरवाड़, जगराम मीणा आदि ने बताया की फैलीकापुरा की मीणा बस्ती, जाटव बस्ती, शाह बस्ती में पशुपालक मुरारी लाल मीणा, दिनेश सहित दर्जनों पशु पालकों की भैंस आदि दुधारु पशु बीमारी की चपेट में आने से काल का ग्रास बन गई हैं। साथ ही गांव में दर्जनों पशु भी खुरपका-मुंहपका बीमारी की चपेट में हैं। पशुओं में फैली इस बीमारी से पशुपालक चिंतित हैं। पशुओं की मौत से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।
उपचार व्यवस्था नहीं
बीमार पशुओं का उपचार करने के लिए सरकारी स्तर से कोई चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। इससे ग्रामीणों को बीमार पशुओं का निजी झोला छाप चिकित्सकों से मंहगा और जोखिम भरा उपचार कराना पड़ रहा है। दुधारू पशु खुरपका-मुंहपका बीमारी की चपेट में हैं। चिकित्सा व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से गांव में पशु चिकित्सा टीम भेजने की मांग की है।
बीमार पशुओं का उपचार करने के लिए सरकारी स्तर से कोई चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। इससे ग्रामीणों को बीमार पशुओं का निजी झोला छाप चिकित्सकों से मंहगा और जोखिम भरा उपचार कराना पड़ रहा है। दुधारू पशु खुरपका-मुंहपका बीमारी की चपेट में हैं। चिकित्सा व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से गांव में पशु चिकित्सा टीम भेजने की मांग की है।