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रंगरेजों की गली में भिड़े नदीम खां और जिकरिया के कुनबे, आमने—सामने चले लाठी-भाटा, 6 घायल हॉस्पीटल भेजे गए

locationकरौलीPublished: Feb 18, 2018 11:02:09 pm

Submitted by:

Vijay ram

अस्पताल चौकी प्रभारी के मुताबिक, बाउंड्री करा रहे पक्ष से दूसरा पक्ष नाराज हुआ, फिर बहसबाजी में ही लाठी—डंडे निकल आए…

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करौली. यहां रंगरेजों की गली बजाजा बाजार में दो पक्षों में मकान की बाउंड्री बनाने को लेकर झगड़ा हो गया। इसमें दोनों ओर से चले लाठी-भाटों में दोनों पक्ष के छह लोग घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल चौकी प्रभारी धारा सिंह ने बताया कि रविवार को नदीम खान का पक्ष अपने मकान के पास बाउंड्री करा रहे थे। इसी दौरान दूसरे पक्ष ने इस पर आपत्ति जाहिर की। इस पर दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया। झगड़ा बढऩे पर दोनों ओर से लाठी-भाटा जंग हो गई। इसमें एक पक्ष से सीमा पुत्री नदीम खान, परवीन पत्नी नदीम खान एवं सद्दाम पुत्र नदीम खान घायल हो गए।
अस्पताल में कराया भर्ती
वहीं दूसरे पक्ष से बेबी पत्नी अजमल, शबनम पुत्री जिकरिया एवं शाहिरा पत्नी जिकरिया घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। दोनों पक्षों की ओर से अस्पताल चौकी ने पर्चा बयान लिए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इधर, रोडवेज बस संचालन की मांग
गढमोरा कस्बे में संचालित दिल्ली रोडवेज बस का संचालन 2 महीने से बंद होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। गढ़मोरा से अलवर होते हुए दिल्ली को शाम को 6 बजे रवाना होती थी, जो गत 2 माह से बंद है। ऐसे में लोगों को डग्गेमार वाहनों में यात्रा करनी पड़ रही है। यह संचालन अलवर डिपो से किया गया था। यह बस गढ़मोरा से दिल्ली के लिए चलती थी। यह बस दर्जनभर गांवों से होकर निकलती थी। इससे यात्रियों को खासी सुविधा थी। अब यह सुविधा बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है। लोगों ने पुन: बस संचालन की मांग की है।
यहां, बौद्ध ने मिटाया जाति-पांति का भेद
भीम जागृति महासभा की ओर से बयाना रोड स्थित जाटव बगीची में रविवार को बौद्ध धम्म कार्यशाला हुई। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि गौतम बौद्ध ने प्राणी के प्रति दया व अहिंसा के भाव के साथ जीवन जीने पर जोर दिया था। वक्ताओं ने कहा कि बौद्ध दुसरों का दुख सहन नहीं कर पाते थे। मुख्य वक्ता बहादुर सिंह ने कहा कि बुद्ध ने यज्ञ और पशु-बलि की निंदा करते हुए अहिंसा पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म सभी जातियों और पंथों के लिए खुला है। इसमें जात-पांत, ऊंच-नीच का कोई भेद-भाव नहीं है। उन्होंने कहा कि बुद्ध के उपदेशों एवं प्रवचनों का प्रचार प्रसार सबसे ज्यादा सम्राट अशोक ने किया था। महासभा के महासचिव टीकमचंद बेधड़क ने कहा कि बौद्व धर्म कुव्यसनों को त्याग सच्चाई के रास्ते पर चलने की सीख देता है। इस दौरान अध्यक्ष नत्थीलाल बौद्ध, धम्माचार्य लोकपाल समेत आदि लोग मौजूद थे।
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