सिमिर गांव में नदी के पास बने नालों में काफी तादाद में बबूल हैं। इससे वातावरण स्वच्छ रहता है। हरियाली भी को मुग्ध कर देती है, लेकिन इनके कटने के बाद क्षेत्र वीरान नजर आने लगा है।काफी लम्बे समय से इनकी कटाई हो रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण पेड़ों की कटाई करने वालों पर अंकुश नहीं लग रहा। लोग लकडिय़ों को काटकर शहर में बेचते हैं।जिससे उनको मोटी रकम मिलती है। थाने व चौकी के सामने से टै्रक्टर-ट्रॉलियों में भरकर पेड़ों की लकडिय़ां ले जाई जलाती है, लेकिन पुलिस भी कोई कार्रवाईनहीं करती। ग्रामीणों ने पेड़ों की कटाई करने वालों पर कार्रवाईकरने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण पेड़ों की कटाई करने वालों पर अंकुश नहीं लग रहा। लोग लकडिय़ों को काटकर शहर में बेचते हैं।जिससे उनको मोटी रकम मिलती है। थाने व चौकी के सामने से टै्रक्टर-ट्रॉलियों में भरकर पेड़ों की लकडिय़ां ले जाई जलाती है, लेकिन पुलिस भी कोई कार्रवाईनहीं करती। ग्रामीणों ने पेड़ों की कटाई करने वालों पर कार्रवाईकरने की मांग की है।
कटाई से पेड़ बने ठूंठ
गुढ़ाचन्द्रजी. वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की उदासीनता के चलते वनपौधशाला से महज २ सौ मीटर की दूरी पर पचमेड़ी धाम के समीप हरे पेड़ों की कटाई जोरों पर हो रही है। इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर नजर आ रहा है।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री की उज्जवला योजना की सरेआम धज्जियां उड़ रही है। लोगों ने बताया कि वन विभाग के समीप हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। कई बार वनविभागीय अधिकारियों को अवगत कराने के बाद ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हरे पेड़ों की कटाई होने से पेड़ ठूंठ नजर आने लगे हंै। लकड़ी के सौदागर दिन के समय पेड़ों को काटते है। वही रात के समय टै्रक्टर-ट्राली, मेटाडोर आदि में भरकर जयपुर , बस्सी, कानोता आदि स्थानों पर ले जाते है। वनपौधशाला व पुलिस चौकी के सामने से रोजाना लकडिय़ों से भरे वाहन निकलते है। लेकिन कोई भी उन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाते है। इससे क्षेत्र की वनसंपदा का विनाश हो रहा है। पचमेड़ी धाम के समीप तो दिनभर लोग लकडिय़ां काटते रहते है। लेकिन उनसे कहने की कोई भी अधिकारी व कर्मचारी हिम्मत नहीं उठाता है। इस संबंध में लोगों ने जिला कलक्टर को पत्र भेजकर हरे पेड़ों की कटाई रोक ने की मांग की है।
गुढ़ाचन्द्रजी. वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की उदासीनता के चलते वनपौधशाला से महज २ सौ मीटर की दूरी पर पचमेड़ी धाम के समीप हरे पेड़ों की कटाई जोरों पर हो रही है। इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर नजर आ रहा है।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री की उज्जवला योजना की सरेआम धज्जियां उड़ रही है। लोगों ने बताया कि वन विभाग के समीप हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। कई बार वनविभागीय अधिकारियों को अवगत कराने के बाद ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हरे पेड़ों की कटाई होने से पेड़ ठूंठ नजर आने लगे हंै। लकड़ी के सौदागर दिन के समय पेड़ों को काटते है। वही रात के समय टै्रक्टर-ट्राली, मेटाडोर आदि में भरकर जयपुर , बस्सी, कानोता आदि स्थानों पर ले जाते है। वनपौधशाला व पुलिस चौकी के सामने से रोजाना लकडिय़ों से भरे वाहन निकलते है। लेकिन कोई भी उन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाते है। इससे क्षेत्र की वनसंपदा का विनाश हो रहा है। पचमेड़ी धाम के समीप तो दिनभर लोग लकडिय़ां काटते रहते है। लेकिन उनसे कहने की कोई भी अधिकारी व कर्मचारी हिम्मत नहीं उठाता है। इस संबंध में लोगों ने जिला कलक्टर को पत्र भेजकर हरे पेड़ों की कटाई रोक ने की मांग की है।
घर-घर जाकर होगा पंजीयन
हिण्डौनसिटी मे मतदाता सूची में युवा मतदाताओं का घर-घर जाकर पंजीयन किया जाएगा। इस दौरान दिव्यांग मतदाताओं को भी मतदाता सूची में पंजीबद्ध करने का कार्य होगा। 20 मार्च तक चलने वाले इस अभियान की सफलता के मंगलवार को उपखंड कार्यालय में एडीएम राजनारायण शर्मा ने विधानसभा क्षेत्र के सुपरवाइजरों की बैठक ली और आवश्यक निर्देश दिए। इस मौके पर एसडीओ शेरसिंह लुहाडिया व तहसीलदार घनश्याम जोशी भी उपस्थित थे।
हिण्डौनसिटी मे मतदाता सूची में युवा मतदाताओं का घर-घर जाकर पंजीयन किया जाएगा। इस दौरान दिव्यांग मतदाताओं को भी मतदाता सूची में पंजीबद्ध करने का कार्य होगा। 20 मार्च तक चलने वाले इस अभियान की सफलता के मंगलवार को उपखंड कार्यालय में एडीएम राजनारायण शर्मा ने विधानसभा क्षेत्र के सुपरवाइजरों की बैठक ली और आवश्यक निर्देश दिए। इस मौके पर एसडीओ शेरसिंह लुहाडिया व तहसीलदार घनश्याम जोशी भी उपस्थित थे।
एडीएम शर्मा ने विधानसभा क्षेत्र के सुपरवाइजरों को निर्देश दिए कि मतदाता सूची में युवा मतदाताओं व दिव्यांगों को जोडऩे का कार्य प्रमुखता से किया जाए। इसके लिए घर-घर जाकर वंचित मतदाताओं का मतदाता सूची में पंजीयन किया जाए। सुपरवाइजरों को २० मार्च तक चलने वाले इस अभियान में प्रगति लाने के निर्देश दिए। एसडीओ व तहसीलदार को भी सुपरवाइजरों के कार्य की समीक्षा करने के लिए कहा गया।