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करौली के जिला चिकित्सालय में एक माह से लाइफ लाइन स्टोर पर लटका है ताला

locationकरौलीPublished: Sep 28, 2018 11:48:18 am

Submitted by:

Dinesh sharma

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करौली के जिला चिकित्सालय में एक माह से लाइफ लाइन स्टोर पर लटका है ताला

करौली. रोगियों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने की मंशा से जिला चिकित्सालय परिसर स्थित मेडिकेयर ड्रग स्टोर (लाइफ लाइन) के संचालन को लेकर फार्मासिस्टों ने मुंंह मोड़ रखा है।

इस कारण लाइफ लाइन संचालन का ठेका करीब एक माह से नहीं हो पाया है और इस ड्रग स्टोर (दुकान) पर एक सितम्बर से ताला लटका है। इसके चलते रोगियों को जरूरी दवाएं मंहगे दामों पर बाजार से खरीदने की मजबूरी बनी हुई है।
राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की ओर से सामान्य चिकित्सालय में लम्बे समय से लाइफ लाइन का संचालन किया जा रहा है। इसके संचालन का प्रति वर्ष ठेका दिया जाता है। लेकिन इस वर्ष यह ठेका नहीं हो पाया है। नतीजतन अब दुकान पर ताला लटका है।
दो बार टेण्डर, फिर भी नहीं कोई आवेदन
गत वर्ष हुए टेण्डर की शर्तों के अनुसार 31 जुलाई को लाइफ लाइन स्टोर संचालन की अवधि समाप्त हो गई। इस बीच चिकित्सालय प्रशासन ने नए टेण्डर के लिए विज्ञप्ति भी जारी की, लेकिन कोई भी संचालन के लिए आगे नहीं आया।
इस पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने जिला कलक्टर के आदेश पर फार्मासिस्ट की संचालन अवधि एक माह बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी। इस बीच फिर टेण्डर के लिए विज्ञप्ति जारी की गई, लेकिन दूसरी बार भी किसी ने लाइफ लाइन के संचालन में कोई रुचि नहीं दर्शाई। इस बीच 31 अगस्त को एक माह पूरा हो गया। ऐसे में 1 सितम्बर से दवा दुकान पर ताला लटक गया।
तैयारी में जुटे हैं फार्मासिस्ट
सरकार द्वारा फार्मासिस्ट की नौकरी के लिए विज्ञप्ति जारी करने के कारण फार्मासिस्ट परीक्षा की तैयारियों में जुटे हैं। इसके चलते दवा दुकान पर कार्य के लिए फार्मासिस्ट नहीं मिल पा रहे। लाइफ लाइन संचालन के लिए रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट होने अनिार्य है।
सस्ती मिलती हैं दवाएं
गौरतलब है लाइफ लाइन पर जैनेरिक दवाएं मिलती हैं, जो बाजार दर से काफी सस्ती होती हैं। सामान्य दवाओं से लेकर जीवनरक्षक दवाइयां इसमें शामिल होती हैं।

सूत्र बताते हैं कि रोगियों को कई दवाएं तो 40 से 50 फीसदी सस्ती मिल जाती हैं, जिससे उन्हें काफी राहत मिलती है।
हालांकि नि:शुल्क दवा योजना के तहत अस्पताल में दवा दुकानें संचालित हैं। कई दवाएं वहां नहीं मिल पाने पर रोगी लाइफलाइन से ही दवा लेते थे, लेकिन अब इस दुकान के भी बंद होने से बाजार से महंगी दर पर दवा लेनी पड़ रही है।
कर रहे हैं प्रयास
लाइफ लाइन संचालन के लिए दो बार टेण्डर किए गए, लेकिन किसी ने भी आवेदन नहीं किया। अब तीसरी बार टेण्डर कर शीघ्र चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. श्रीराम मीना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, करौली
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