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पति की मौत के बाद बालिका शिक्षा के लिए जीवन समर्पित

locationकरौलीPublished: Sep 05, 2019 09:25:08 am

Submitted by:

vinod sharma

करौली. नादौती में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की प्रभारी (Karauli teacher Sharda Dhakad) शारदा धाकड़ ने अपने पति की मौत के बाद अपना जीवन बालिका शिक्षा के लिए समर्पित किया है।

पति की मौत के बाद बालिका शिक्षा के लिए जीवन समर्पित

पति की मौत के बाद बालिका शिक्षा के लिए जीवन समर्पित

करौली. नादौती में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की प्रभारी (Karauli teacher Sharda Dhakad) शारदा धाकड़ ने अपने पति की मौत के बाद अपना जीवन बालिका शिक्षा के लिए समर्पित किया है। वो सरकारी दायित्व के साथ समाज हित में भी अपनी जिम्मेदारी
निभी रही हैं। शारदा (Karauli teacher Sharda Dhakad) के पति का निधन शादी के मात्र एक साल बाद कैंसर से हो गया। इस गम से संभलने के बाद शारदा ने बालिका शिक्षा को अपना मिशन बनाया हुआ है। उन्होंने अपने इलाके की सभी बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करके स्कूलों से जोड़ा है और शिक्षा में उनको कोई परेशानी न आए इसके लिए हर सम्भव सहयोग करती हैं। केवल स्कूल शिक्षा तक ही नहीं बल्कि प्रतिभाशाली बालिकाओं को वे उच्च शिक्षा में भी मदद करती हैं।
शारदा के अनुसार वो अपना आधा वेतन बालिका शिक्षा पर खर्च कर देती हैं। वे प्रत्येक सत्र में निर्धन बलिकाओं की स्कूल, महाविद्यालय की फीस, कोचिंग क्सालेज की फीस जमा कराती है। उनके लिए वस्त्र, जूते, गणवेश, शैक्षणिक सामग्री का भी प्रबंध वो अमूमन करती रहती है। शिक्षा के लिए कोई भी जरूरतमंद उनके पास मदद के लिए पहुंचता है तो निराश नहीं लौटता। धाकड़ ने बताया कि उनके कोई बेटा -बेटी नहीं है। लेकिन हर समाज की बेटी की तरक्की की तमन्ना रखती है। इसके लिए हरसंभव प्रयास भी करती है।

स्काउट गाइड से भी जोड़ा छात्राओं को
शारदा धाकड़ ने स्काउट गाइड की स्थानीय शाखा में भी काम किया था। इस दौरान काफी छात्राओं को स्काउट से जोड़कर उन्हें एक्टिव किया, धाकड़ बताती है कि शुरुआत के दिनों में परिजन छात्राओं को स्काउट गाइड के शिविरों में भेजने से परहेज करते थे, लेकिन उन्होंने परिजनों को समझाते कहा कि बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। इसके बाद परिजन छात्राओं को स्काउट गाइड व स्कूल में लगने वाले आवासीय शिविरों में छात्राओं को भेजने लगे।
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