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करौली

राजस्थान की वो स्कूल जहां सुविधा तो छोड़ो सुरक्षा भी नहीं, डर के साए में पढ़ना बनी मजबूरी

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करौलीAug 13, 2018 / 02:51 pm

Nidhi Mishra

lack of proper facilities in government school Hinduan city, Karauli

lack of proper facilities in government school Hinduan city, Karauli

हिण्डौनसिटी/ करौली। बारिश में छत से टपकता पानी, कक्षा कक्षों में पड़ी दरार और टूटी चीरियों के बीच भय के साए में अध्ययन की मजबूरी। कमरों के अभाव में खुले आसमां तले पढ़ते नौनिहाल। बारिश होते ही बच्चों की छुट्टी। यह हालात किसी प्राथमिक विद्यालय के नहीं बल्कि हिण्डौनसिटी उपखण्ड के रेवई गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के बने हुए हैं। इन अव्यवस्थाओं के बीच अध्ययन करना विद्यार्थियों की मजबूरी बनी हुई है। इन हालातों को देख सरकारी विद्यालयों में समुचित व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के दावे खोखले नजर आते हैं। स्कूल में व्याप्त यह असुविधाएं विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भारी पड़ रही है।
285 विद्यार्थी, कक्षों का टोटा
माध्यमिक स्तर के इस विद्यालय में करीब 285 विद्यार्थियों का नामांकन है। इनमें छात्र-छात्राएं शामिल हैं, लेकिन विद्यार्थियों को बैठने के लिए ठौर नहीं है। पर्याप्त कक्षा कक्षों का अभाव विद्यार्थियों और विद्यालय प्रशासन के समक्ष बड़ी मुश्किल है। विद्यालय का पुराना भवन क्षतिग्रस्त है। इससे उसमें से महज एक कक्ष ही सही मायने में काम आ पा रहा है। वहीं नए बने तीन कक्षों में से एक में कार्यालय संचालित है। इससे दो कक्षों में ही कक्षा नवीं, दसवीं के विद्यार्थियों को बिठाया जाता है। ऐसे में शेष कक्षाओं को बरामदों और स्कूल परिसर में पेड़ क छांव में बिठाना पड़ता है। हालांकि स्टाफ के लिहाज से व्यवस्था ठीक है। विद्यालय में पांच वरिष्ठ अध्यापक है, जबकि चार थर्ड ग्रेड शिक्षक हैं। वरिष्ठ लिपिक और शारीरिक शिक्षक भी कार्यरत हैं।

दीवार में दरार और चीरी टूटी
वर्तमान में जो कक्ष हैं, उनकी स्थिति भी कोई खास अच्छी नहीं है। एक कक्ष की दीवार में दरार पड़ी है, वहीं एक की दो चीरियां टूटी हुई है। इससे खतरे की आशंका बनी रहती है।
सुविधाओं का टोटा, शौचालय भी बदहाल
विद्यालय में सुविधाओं का भी टोटा है। कक्षा कक्षों के अभाव में विद्यार्थियों को खुले में पेड़ के नीचे और बरामदे में बिठाने पर बच्चों को फर्श तक नहीं मिलता। ऐसे में बच्चे मैदान में मिट्टी में ही बैठने को विवश होते हैं। वहीं विद्यालय के शौचालय भी बदहाल स्थिति में हैं। जिससे विद्यार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

होती है परेशानी
स्कूल में पर्याप्त कक्षा कक्ष नहीं हैं। बरामदों और खुले में विद्यार्थियों को बिठाना पड़ता है। ऐसे में परेशानी होती है। बारिश में मजबूरन विद्यार्थियों की छुट्टी करनी पड़ जाती है। —प्रदीप शांडिल्य, संस्था प्रधान रामावि, रेवई बाइट संस्था प्रधान।
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