मण्डरायल रोड पर रणगमा तालाब से जेल और नए अस्पताल तक सैंकड़ों बीघा सिवायचक, चारागाह तथा नगरपरिषद की भूमि है। इस इलाके में अस्पताल, पुलिस लाइन, सिविल लाइन्स सहित अन्य कार्यालयों का निर्माण होने से जमीनों की कीमत बढ़ी हुई है। ऐसे में इस क्षेत्र में सरकारी भूमियों पर अवैध कब्जा करने की बाढ़ सी आई है।
समूचे क्षेत्र में गत महीनों से अवैध मकानों का निर्माण किया जा रहा है। कुछ ने कच्चे अतिक्रमण किए हैं। आयुर्वेद चिकित्सालय के पीछे दर्जनों की संख्या में मकान खड़े हो गए हैं। कच्चे मकान तथा झौपड़ी खड़ी कर दी गई है।
इसके अलावा सैकड़ों बीघा
जमीन पर लोगों ने पत्थर डालकर तथा चारदीवारी कर कब्जा कर लिया है। इससे सरकार की करोड़ों की बूमि अतिक्रमण की चपेट में आई है। खास बात ये भी अतिक्रमण करने वाले दूसरे जिले तथा करौली से बाहर के है। बताया गया है कि इनको स्थानीय भू-माफियाओं ने यहां लाकर बसा दिया है।
जमीन पर लोगों ने पत्थर डालकर तथा चारदीवारी कर कब्जा कर लिया है। इससे सरकार की करोड़ों की बूमि अतिक्रमण की चपेट में आई है। खास बात ये भी अतिक्रमण करने वाले दूसरे जिले तथा करौली से बाहर के है। बताया गया है कि इनको स्थानीय भू-माफियाओं ने यहां लाकर बसा दिया है।
२१ दिन बाद खोला एटीएम, उपद्रव के दौरान लगाई थी आग
हिण्डौनसिटी. दो अप्रेल को भारतबंद के दौरान हुए उपद्रव में रेलवे स्टेशन पर जलाए एटीएम को २१ दिन बाद सोमवार को खोला गया। मौके पर पहुंचे भारतीय स्टेट बैंक अधिकारियों के साथ नुकसान का जायजा लिया।
हिण्डौनसिटी. दो अप्रेल को भारतबंद के दौरान हुए उपद्रव में रेलवे स्टेशन पर जलाए एटीएम को २१ दिन बाद सोमवार को खोला गया। मौके पर पहुंचे भारतीय स्टेट बैंक अधिकारियों के साथ नुकसान का जायजा लिया।
बैंक अधिकारियों का कहना है कि दो अप्रेल को एटीएम में करीब ३५ लाख रुपए का कैश लोड था। हालांकि जली हुए एटीएम मशीन से निकली लोहे की कैश केबिनेट के खोले जाने पर ही रुपयों की स्थिति कर पता चल सकेगा।
एसबीआई अधिकारी रामस्वरूप मीणा ने बताया कि उपद्रव के दौरान आग लगाने से करीब पांच लाख रुपए की कीमत की एटीएम मशीन जल गई। दो माह पूर्व ही नई मशीन स्थापित की गई थी। इसके अलावा एटीएम केबिन में लगे दो एसी, इन्वर्टर आदि जल गए। मीणा ने बताया कि स्टेशन पर एटीएम सेवा सुचारू होने में करीब एक माह का वक्त लगेगा। इधर रेलवे अधिकारियों ने एटीएम के अभाव में यात्रियों को होने वाली परेशानी से अवगत कराया।
बैठक में भी हो चुकी चर्चा, निर्देशों की अनदेखी
इस इलाके की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण होने का मामला गत दिनों जिला प्रभारी मंत्री और सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उठा था। प्रभारी सचिव ने प्रशासन व नगरपरिषद को इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए थे। कलक्टर के सामने भी ये मामला आ चुका है। उन्होंने नगरपरिषद आयुक्त को मामले का निपटारा करने को कहा। लेकिन अभी तक राजस्व विभाग, वन तथा नगरपरिषद के अधिकारियों ने इस जमीन की सुध नहीं ली है जिससे अतिक्रमण करने वालों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं।
इस इलाके की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण होने का मामला गत दिनों जिला प्रभारी मंत्री और सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उठा था। प्रभारी सचिव ने प्रशासन व नगरपरिषद को इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए थे। कलक्टर के सामने भी ये मामला आ चुका है। उन्होंने नगरपरिषद आयुक्त को मामले का निपटारा करने को कहा। लेकिन अभी तक राजस्व विभाग, वन तथा नगरपरिषद के अधिकारियों ने इस जमीन की सुध नहीं ली है जिससे अतिक्रमण करने वालों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं।