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करौली

सुनो सरकार: रास्ता ही नहीं तो मोक्षधाम तक पहुंचकर कैसे करें दाह संस्कार

Listen Sarkar: If there is no way then how to do cremation after reaching Mokshadham
पट्टी नारायणपुर में तीन घंटे तक बीच रास्ते पर रखा रहा शव
-दो दिन में रास्ते के प्रस्ताव भेजने और मोक्षधाम से कब्जे हटाने के आश्वासन पर माने ग्रामीण

करौलीAug 15, 2022 / 08:24 am

Anil dattatrey

सुनो सरकार: रास्ता ही नहीं तो मोक्षधाम तक पहुंचकर कैसे करें दाह संस्कार

सुनो सरकार: रास्ता ही नहीं तो मोक्षधाम तक पहुंचकर कैसे करें दाह संस्कार

हिण्डौनसिटी. उपखण्ड़ के क्यारदा कलां गांव की पट्टी नारायणपुर की ढाणी पंडा का पुरा मोक्षधाम तक पहुंचने का रास्ता तक नहीं है। जिससे अर्थी के साथ वहां तक पहुंचने में ग्रामीणों को परेशानी होती है। उन्हें दूसरे किसानों के खेतों से होकर निकलना पड़ता है। रविवार को एक जने की मृत्यु के शव को दाह संस्कार के लिए ले जा रहे ग्रामीणों को आसपास के खेत मालिकों ने बाजरे की फसल नष्ट होने की बात कहकर रोक दिया। जिसके बाद ग्रामीण शव को सडक़ पर रखकर बैठ गए।
सूचना पर तहसीलदार धर्मसिंह एवं नई मंडी थानाप्रभारी गिर्राज प्रसाद पुलिस जाप्ता के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से समझाईश कर दो दिन में मोक्षधाम के लिए रास्ते के प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भिजवाने एवं मोक्षधाम की जमीन पर हो रहे कब्जे हटवाने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर ग्रामीण माने। इसके बाद अर्थी को खेतों के रास्ते मोक्षधाम तक पहुंचाया गया। करीब तीन घंटे बाद यानि शाम करीब साढ़े छह बजे पुलिस की मौजूदगी में मृतक के शव का दाह संस्कार हो सका। ग्रामीण ओमसिंह, धनफूल ने बताया कि वर्षों पहले प्रशासन के द्वारा पंडा का पुरा के जाटव समाज के लिए मोक्षधाम के लिए आठ एयर भूमि पट्टी नारायणपुर के हार में आवंटित कर दी गई, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए रास्ता आवंटित नहीं किया। जिससे दूसरे किसानों के खेतों से होकर अर्थी लेकर पहुंचना पड़ता है। ज्यादा परेशानी फसली सीजन के दौर में आती है, जब किसानों के खेतों में फसलें खड़ी रहती है और इसी बीच किसी की मृत्यु हो जाए, तो किसान भी फसल के नुकसान की बात कहकर रास्ता रोकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मोक्षधाम की भूमि पर भी आसपास के खेत मालिकों ने जबरन कब्जा कर लिए हैं। जिससे आवंटित आठ एयर भूमि में महज दो एयर भूमि ही दाह संस्कार के लिए शेष बची है। इस दौरान हरीसिंह, श्रीमोहन, लक्खीराम, सरदार, वीरेन्द्र, भूरसिंह समेत सेंकडो लोग मौजूद रहे।
तीन माह में माता-पिता की मौत, अनाथ हो गई चार मासूम बेटियां-
समाजसेवी देशराज जाटव व रिन्कू खेडीहैवत ने बताया कि रविवार को बीमारी के चलते पंडा का पुरा निवासी बच्छराज जाटव (३०) पुत्र समयसिंह की मृत्यु हो गई। इसके साढ़े तीन माह पहले उसकी पत्नी गीता की मौत भी बीमारी के कारण हो चुकी। बच्छराज की मृत्यु के बाद अब उसकी चार छोटी-छोटी बेटियां अनाथ हो गई हैं। तीन माह के अंतराल में माता-पिता की मृत्यु के बाद बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल है। चूंकि बच्छराज का परिवार आर्थिक रुप से कमजोर था, तो अब उसकी चार पुत्रियों के जीवन यापन को लेकर गांव के लोग चिंता जता रहे हैं।
इनका कहना है-
पंडा का पुरा के मोक्षधाम के लिए आठ एयर भूमि आवंटित है, लेकिन नक्शा सीट के मुताबिक मौके पर दो एयर भूमि ही है। इसके लिए एसडीओ कोर्ट में ग्रामीणों द्वारा किया गया रिकॉर्ड दुरुस्ती का दावा विचाराधीन है। रास्ते के प्रस्ताव शीघ्र ही भेज दिए जाएंगे।
-धर्म सिंह, तहसीलदार, हिण्डौनसिटी।

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