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चैकपोस्ट और पुलिस चौकियों पर लटके हैं ताले

locationकरौलीPublished: Sep 27, 2022 11:28:11 pm

Submitted by:

Anil dattatrey

Locks are hanging on checkposts and police posts
डेढ़ लाख की आबादी वाले शहर में बंद पड़े हैं दो चौकी और एक चैकपोस्ट

चैकपोस्ट और पुलिस चौकियों पर लटके हैं ताले

चैकपोस्ट और पुलिस चौकियों पर लटके हैं ताले

हिण्डौनसिटी. अपराध, आबादी और उद्योगों के मामले में करौली जिले के सबसे बड़े शहर के नागरिकों की सुरक्षा भगवान के भरोसे हैं। डेढ़ लाख की आबादी वाले हिण्डौन शहर में स्थापित चैकपोस्ट और पुलिस चौकियों पर ताले लटके हुए हैं। स्टाफ के अभाव में अनुपयोगी पड़े पुलिस के परिसरों का असामाजिक तत्व दुरुपयोग कर रहे हंै। यही वजह है, कि शहर में बाजारों से लेकर चौराहों तक पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ रही है। शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। ऐसे में अपराधी वारदात को अंजाम दे आसानी से फरार हो सकता है।
मंगलवार को ‘राजस्थान पत्रिकाÓ टीम की पड़ताल में महवा रोड़ बाइपास तिराहे पर 220 केवी जीएसएस के समीप स्थित पुलिस चैकपोस्ट और रीको एवं शाहंगज मोहल्ला स्थित पुलिस चौकियां बंद पाई गईं। शहर के नई मण्डी थाने के अन्गर्तगत आने वाले चैक पोस्ट और रीको चौकी के भवनों पर ताले लटके मिले, तो वहीं कोतवाली थाना क्षेत्र की शाहगंज चौकी का गेट बंद मिला। ‘अपराधियों में भय और आमजन में विश्वासÓ को ध्येय मानने वाली पुलिस द्वारा शहर में लोगों की सुरक्षा के लिए जो चैक पोस्ट और चौकियां बनाई गई हैं, उन पर शाम व रात के वक्त पुलिस जवान तैनात ही नहीं रहते। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस शहर की सुरक्षा के लिए कितनी गंभीर है। इससे लगता है कि अपराधी आसानी से वारदात को अंजाम दे सकता है। ऐसे में शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। गौरतलब है कि शहर के कोतवाली व नई मंडी थानों पर 1 जनवरी से 27 सितम्बर 2022 तक विभिन्न श्रेणी के अपराधों के कुल 955 मामले पंजीकृत हुए हैं। जो किसी महानगर के अपराध के आंकडों से कम नहीं हैं।

चार वर्ष से रीको चौकी पर नहीं स्थाई स्टॉफ-
शहर का रीको औद्योगिक क्षेत्र राजस्थान ही नहीं बल्कि देश-विदेश में पहचान रखता है। यहां स्लेट और पत्थर की दर्जनों औद्योगिक इकाईयोंं में प्रतिदिन करोडों रुपए का कारोबार होता है। इसी रीको क्षेत्र की पुलिस चौकी, जो कि जिले के सबसे बड़े नई मंडी थाने के अन्तर्गत आती है। लेकिन पुलिस अधिकारियों की अनदेखी के कारण बीते करीब चार वर्ष से यह पुलिस चौकी स्थाई स्टॉफ की नियुक्ति के लिए तरस रही है। वर्ष 2018 में हैडकांस्टेबल लीलाराम गुर्जर यहां के अंतिम चौकी प्रभारी रहे थे। इसके बाद रीको उद्यमियों द्वारा कई दफा चौकी पर स्थाई पुलिस स्टॉफ की नियुक्ति की मांग की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

उद्घाटन के बाद से ही बंद पड़ा चैकपोस्ट –
महवा रोड़ स्थित कृषि उपज मंडी समिति तिराहे पर सवा साल पहले तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने चैक पोस्ट का फीता काटकर उद्घाटन किया था। लेकिन शुरुआत में एकाध दिन हल्की-फुल्की नाकाबंदी व वाहन जांच के बाद हालात पुराने ढर्रे पर आ गए। इसके बाद से ही चैकपोस्ट पर ताला लटका हुआ है। अब न तो वहां रात्रि गश्त का चैक प्वाइंट बचा है और ना ही नाकाबंदी जैसा कोई नजारा नजर आता है।

नाम की रह गई नंबर-1 की चौकी-
कोतवाली थाना क्षेत्रान्तर्गत आने वाली शाहगंज पुलिस चौकी कभी नंबर-1 हुआ करती थी। पुरानी घनी मुस्लिम आबादी के बीच स्थित इस चौकी पर सर्वाधिक मामले पंजीकृत हुआ करते थे, लेकिन हाल के दिनों में पुलिस स्टॉफ का अभाव होने से यह नाम की चौकी रह गई है। यही कारण है कि इलाके में अब पथराव और मारपीट की घटनाएं आए दिन होने लगी हैं।

अपराध के आंकड़े-
कोतवाली थाने पर 1 जनवरी से 27 सितम्बर तक विभिन्न मामलों के 419 मुकदमे पंजीकृत।
नई मण्डी थाने पर 1 जनवरी से 27 सितम्बर तक विभिन्न मामलों के 536 मुकदमें पजीकृत।


इनका कहना है-
पुलिस चौकियां और चैक पोस्ट स्टॉफ के अभाव में बंद हैं। लेकिन जितनी नफरी मिली हुई है, उसी से बेहतर पुलिसिंग कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। शहर में रात-दिन प्रभावी गश्त हो रही है। चौकियों पर स्टॉफ के लिए पुलिस मुख्यालय से आग्रह किया है। जल्द ही स्टाफ मिलने की उम्मीद है।
– किशोरी लाल, डीएसपी, हिण्डौनसिटी।

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