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एक हजार साल प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा का 24 वर्ष बाद होगा महामस्तकाभिषेक

locationकरौलीPublished: Jul 06, 2022 11:23:35 am

Submitted by:

Surendra

एक हजार साल प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा का 24 वर्ष बाद होगा महामस्तकाभिषेकवृहद कार्यक्रम की तैयारी में जुटी है राज्य सरकार भी24 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच आयोजन
करौली जिले में श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी में भूगर्भ से निकली एक हजार वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की मूलनायक प्रतिमा का 24 वर्ष बाद महामस्तकाभिषेक होगा। 24 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच होने वाले आयोजन की व्यापक तैयारी चल रही है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों की समिति भी गठित है।

एक हजार साल प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा का 24 वर्ष बाद होगा महामस्तकाभिषेक

एक हजार साल प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा का 24 वर्ष बाद होगा महामस्तकाभिषेक

एक हजार साल प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा का 24 वर्ष बाद होगा महामस्तकाभिषेक
वृहद कार्यक्रम की तैयारी में जुटी है राज्य सरकार भी
24 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच आयोजन

करौली जिले में श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी में भूगर्भ से निकली एक हजार वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की मूलनायक प्रतिमा का 24 वर्ष बाद महामस्तकाभिषेक होगा। 24 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच होने वाले इस आयोजन की व्यापक तैयारी चल रही है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों की समिति भी गठित की हुई है। इस समिति की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को बैठक निर्धारित है।श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी प्रबन्धक नेमीकुमार पाटनी ने बताया कि आयोजन के तहत 24 नवंबर से 28 नवंबर तक पंचकल्याण महोत्सव तथा 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक महामस्तकाभिषेक का आयोजन होगा। महामस्तकाभिषेक की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंगलवार को महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल, कार्याध्यक्ष विवेक काला, संयोजक सुरेश सबलावत, संयोजक राकेश सेठी, कोषाध्यक्ष उमराव संघी, पंचकल्याण अध्यक्ष राजकुमार कोठारी, प्रतिष्ठा आचार्य पंडित हंसमुख शास्त्री ने जयपुर कार्यालय पर बैठक कर तैयारियां को लेकर समीक्षा की।
महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल ने बताया कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामी का महामस्तकाभिषेक महोत्सव का आयोजन 24 वर्ष बाद हो रहा है। इसलिए महोत्सव के आगाज की तारीख भी 24 रखी गई है। भारत प्रसिद्ध श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र में महोत्सव के दौरान सामाजिक ओर धार्मिक कल्याण के विभिन्न कार्य, सम्मेलन, संगोष्ठियां भी होंगी।
ये चल रहीं तैयारियां वर्धमान सागर का शीघ्र होगा मंगल प्रवेश

प्रबंध कारिणी कमेटी अध्यक्ष सुधांशू कासलीवाल ने बताया कि इस राष्ट्रीय महोत्सव को ऐतिहासिक रूप देने की मंशा से तैयारी की जा रही हैं। तैयारियों के अंतर्गत चरण छत्री परिसर में विशाल प्रतिमा के साथ 24 तीर्थंकरों की प्रतिमा स्थापित होंगी। चरण छत्री परिसर के पीछे विशाल पंडाल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे। जैन मंदिर के मुख्य द्वार को प्राचीन जैन मंदिर के मूल स्वरूप में वापस लाने का कार्य भी प्रगति पर है। कस्बे के मुख्य मंदिर परिसर सहित सभी जगह तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। इन तैयारियों की प्रबंधकारिणी कमेटी नियमित समीक्षा भी कर रही है ।
महामस्तकाभिषेक तथा पंच कल्याण महोत्सव से पहले प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य शांति सागर महाराज के पंचम आचार्य वर्धमान सागर का महावीरजी में शीघ्र मंगल प्रवेश होगा। श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र के प्रबंधक नेमी कुमार पाटनी ने बताया कि आचार्य वर्धमान सागर के साथ करीब 10 हजार भक्तों के आने की उम्मीद हैं उनके ठहराव के लिए कटला परिसर सहित सन्मति उमराव मल सहित यात्री धर्मशालाओं में व्यवस्था की जा रही है। आचार्य वर्धमान सागर का चतुर्मास भी श्री महावीरजी में प्रस्तावित किया गया है।
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