पंचामृत से किया मस्तकाभिषेक-
पंच कल्याणक महोत्सव में चरण छतरी के पास प्रतिष्ठित की गई 24 फीट ऊंची भगवान महवीर की खड्गासन प्रतिमा का पंचामृत से मस्तकाभिषेक किया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जयकारों के बीच मंत्रोच्चार के साथ जिनेंद्र की प्रतिमा पर पंचामृत द्रव्यों के कलश चढाए। कार्याध्यक्ष विवेक काला एवं मुख्य संयोजक सुभाष चन्द जैन ने बताया कि ज्योति कलश,स्वर्ण कलश,रजत कलश,ताम्र कलश,शुभ मंगल कलश,जन मंगल कलश सहित 501 कलाशें से अभिषेक किए गए। इस मौके पर आचार्य विमल सागर महाराज, आचार्य वैराग्य नन्दी महाराज,गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी, सृष्टि भूषण माताजी ससंघ सहित कई संतों का सानिध्य प्राप्त हुआ।
महोत्सव के समापन पर दोपहर में आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में पाण्डाल से रथयात्रा निकाली गई। जिसमें भगवान महावीर की उत्सव प्रतिमा (श्रीजी)को विराजित कर बैण्ड बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। रथ पर सारथी के रूप में समाजश्रेष्ठी रामभज जैन पानीपत, क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल बैठे। प्रतिमा लेकर योगेश टोडरका एवं प्रदीप ठोलिया बैठे। वहीं राज कुमार कोठ्यारी, विनोद जैन कोटखावदा, अशोक पाटनी रथ पर खड़े होकर चंवर ढो रहे थे। बाजार में होते हुए रथ यात्रा के मुख्य मंदिर पहुंचने पर उत्सव प्रतिमा के अभिषेक, शांतिधारा की गई। बाद में जयकारों के साथ वेदी पर विराजित किया गया।
मंदिर प्रबंधकारिणी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल ने बताया कि सोमवार से मुख्य मंदिर में पूर्व की भांति सुबह 5 बजे से रात 9.30 बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।