पुलिस के अनुसार आरोपी मूलत: उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जिले के उरमा थानान्तर्गत यशवंतपुर व हाल कोलकाता निवासी मनोज कुमार कौशिक पुत्र लक्ष्मीचंद है। जिस पर हिण्डौनसिटी मेंं भी अपनी कंपनी की शाखा खोल शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के करीब 500 से अधिक लोगों से धोखाखड़ी कर लगभग 10 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है। पुलिस के अनुसार आरोपी मनोज कुमार ने कोलकाता में विश्वामित्र इंडिया परिवार के नाम से चिटफंड कंपनी खोली थी। इसके जरिए आमजन को पैसा दोगुना करने के नाम पर निवेश के लिए आमंत्रित किया।
कंपनी ने 13 राज्यों में एजेंट नियुक्त किए। फिर इन एजेंट्स के जरिए देश भर के लोगों को अपने झांसे में फंसाकर करीब 2200 करोड़ रुपए एकत्रित किए। इस पैसे को रियल एस्टेट में निवेश किया गया। कोलकाता में हुए बहुचर्चित शारदा चिटफंड घोटाले के बाद विश्वामित्र इंडिया परिवार भी संकट में आ गई।
निवेशकों ने पैसा वापस मांगा तो कंपनी ने इनकार कर दिया। इस बीच कंपनी के खिलाफ कई राज्यों में धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए। क्षेत्र के निवेशकों ने भी कोतवाली थाने पर कंपनी के एमडी व चेयरमैन मनोज कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। जिस पर उसे कोटा से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी ने माना, निवेशकों के करोड़ों रुपए करने है वापस-
पुलिस हिरासत में विश्वामित्र इंडिया परिवार के एमडी ने बताया कि कोलकाता में हुए शारदा चिटफंड घोटाले के बाद वर्ष 2014 में उनकी कंपनी मुश्किल में आ गई। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नया कानून पास करने के बाद सेबी व आरबीआई की मंजूरी के बाद ही कंपनी की प्रॉपर्टी की बिक्री की जा सकती है।
ऐसे में जब निवेशकों ने अपना पैसा वापस मांगा तो पश्चिम बंगाल सरकार का नया कानून आड़े आ गया और निवेशकों के पैसों से खरीदी गई प्रॉपर्टी को बेच नहीं पाए। आरोपी ने माना कि वे निवेशकों का लगभग 2000 करोड़ रुपए वापस कर चुके हैं और अभी 500 करोड़ रुपए वापस करना बाकी है।