कार्यशाला में सीएमएचओ ने बताया कि प्रदेश में एक हजार बच्चों पर 69 बच्चों की मृत्यु के कारण बाल मृत्यु की समीक्षा की जरूरत है, जिससे बच्चों की मृत्यु के कारणों का पता लगाकर मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
आरसीएचओ डॉ. जयंतीलाल मीना ने कहा कि घर, परिवहन, मार्ग एवं संस्थान स्तर पर हुई बाल मृत्यु की समीक्षा जिला स्तर एवं खण्ड स्तर पर बनाई गई कमेटियों द्वारा कराई जाएगी, जिससे मृत्यु के कारणों की स्थिति सामने आ सके। जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशुतोष पांडये एवं डीएनओ रूपसिंह धाकड़ ने बाल समीक्षा कार्यक्रम की बिन्दुवार समीक्षा स्थिति से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि यह समीक्षा 1-28 दिन तक एवं 29 दिन से 5 वर्ष के बच्चों की हुई मृत्यु की होगी, जिसमें विस्तुत समीक्षा एवं सामुदायिक समीक्षा शामिल है। घर, परिवहन एवं मार्ग दौरान हुई मृत्यु की सूचना क्षेत्र की एएनएम एवं आशाएं सेक्टर चिकित्सा अधिकारी को करेंगी एवं संस्थान पर हुई मृत्यु की समीक्षा चिकित्सा संस्थान पर गठित कमेटी द्वारा की जाएगी।
कार्यशाला में डिप्टी सीएमएचओ डॉ. मनीष कुमार, जिला अस्पताल से डॉ. शिवलहरी, सीओ आईईसी लखनसिंह, जपाईगो से डॉ. पंकज, ब्लॉक के वीपीएम, मेल नर्स एवं डीईओ मौजूद थे।