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खेत में बोया बाजरा, कटाई के बाद हाथ लगी कड़ब

locationकरौलीPublished: Sep 25, 2021 09:55:35 am

Submitted by:

Anil dattatrey

Millet sown in the field, got Kadab (Animal fodder) after harvesting
बाजरा से सिट्टों से दाने चट कर गया फड़का
फड़का से हजारों हैक्टेयर बाजरे की फसल तबाह

खेत में बोया बाजरा, कटाई के बाद हाथ लगी कड़ब

खेत में बोया बाजरा, कटाई के बाद हाथ लगी कड़ब

श्रीमहावीरजी/ हिण्डौनसिटी. बोया बाजरा और हाथ लगी कड़ब (Animal fodder)। क्षेत्र के अधिकांश किसानों की कमोबेश यही स्थिति है। पहले अतिवृष्टि से जलमग्न हुए खेतों में फसल गल गई। फिर बाजरा की फसल को फड़का चट कर गया। खेतों में खड़ी बाजरा की फसल में सिट्टे तो हंै लेकिन दाने नहीं बचे। ऐसे में फसल कटाई के दौरान किसान थोथे सिट्टें को जलाकर नष्ट करने को मजबूर हैं।

किसानों का कहना है कि अच्छी पैदावार की उम्मीद में जमा पूंजी व उधारी के रुपए खर्च कर उम्दा बीज की बुवाई की और महंगी खाद का प्रयोग किया। फसल के रोगों से बचाव के लिए दवा व कीटनाशकों पर भी हजारों रुपए खर्च किए। लेकिन पहले क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से जलमग्न ह़ुए खेतों में खरीफ की फसल गलने से काफी नुकसान हो गया। बची बाजरा की फसल से किसान बुवाई का खर्च निकलने की आस को फडका कीट के प्रकोप ने धूमिल कर दिया। करीब दो पखवारे चल रहा फड़का का प्रकोप फसल की कटाई तक नियंत्रित नहीं हो पाया है।
बाजरा की फसल के दाने चट कर फड़का ने सिट्टों को खोखला कर दिया है। युवा किसान राजवीर सिंह ने बताया उसने कई बीघा खेत में बाजरा की फसल बोई थी। पहले वर्षा और फिर फड़का से हुए दोहरे नुकसान से बाजरा की फसल पूरी तरह खराब हो गई है। कटाई के बाद फसल बाजरा के दानों की बजाय कड़ब ही हाथ लगी है। फसल में ना उम्मीद रहने पर थोथे सिट्टों को जलाना पड़ रहा है। यह स्थिति एक नहीं सैकड़ों किसानों के सामने बनी हुई है। फड़के के कारण खराब हुए बाजरा के सिट्टों को जला रहे हैं।

अगेती फसल में ज्यादा नुकसान
गत दिनों क्षेत्र में फड़का का प्रकोप के देखने पहुंचे कृषि वैज्ञानिकों ने भी बाजरा की फसल में नुकसान होना स्वीकार किया। एकोरासी के कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक डॉ. शंकरलाल कुशवाहा, एटीसी फार्म मलिकपुर के डॉ राकेश कुमावत, कृषि अनुसंधान अधिकारी हेमराज मीणा का कहना है कि अगेती बुवाई की बाजरा फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। करीब 1100 हेक्टेयर में खड़ी बाजरे की फसल खराब हो गई है। फड़का कीट के प्रकोप से खरीफ की फसल में भारी खराबा हुआ है। जिसका अनुमान नहीं था। कृषि विभाग भी समय पर कीट नियंत्रण नहीं कर सका। क्षेत्र के चांदनगांव, अकबरपुर, नौरंगाबाद, दुब्बी, कोडिया किरवाडा सहित आसपास के दर्जनों गांवों में बाजरे की फसल में खराबा हुआ है। किसान हरचरण पटेल, ईश्वर सिह, चांदनगांव के देवीसिंह, नौरंगाबाद के हरि पटेल ने बताया कि उनके यहां बाजरा के फसल पूरी तरह खराब हो गई है।

अब कैसे चुकेगी केसीसी की किस्त-
बाजरा की फसल में बम्पर पैदाबार से किसानों को कोरोना महामारी से दो वर्ष से प्रभावित आजीविका संवरने की उम्मीद थी। लेकिन फड़का कीट से किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ऐसे में किसानों को परिवार के पालन पोषण के साथ किसान के्रडिट कार्ड (केसीसी) व बैंकोंं के अन्य ऋणों की किस्त चुकाने की चिंता सताने लगी है।
फसल बीमा का नहीं मिल रहा मुआबजा

क्षेत्र के दर्जनों गांव में कई वर्षो से किसानों की फसल में प्राकृतिक आपदा सहित कई रोग और कीटों से खराबा हो रहा है। गत वर्ष खरीफ की फसल हरी लट व फड़का कीट से लगभग खराब हो गई थी। खराबे की अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। ऐसे में क्षेत्र किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
इनका कहना है-
खरीफ की फसल में बाजरा की कटाई की जा रही है। जल्द ही संबंधित अधिकारियों को भेज कर क्षेत्र में हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
महावीर प्रसाद, नायब तहसीलदार
श्रीमहावीरजी


बाजरा की फसल में खासा नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसानों को मुआवजा मिल सकेगा। अन्य किसानों को राहत राज्य सरकार की घोषणा के ऊपर निर्भर है।
तेजभान चौधरी, कृषि पर्यवेक्षक,श्रीमहावीरजी।
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