किसानों का कहना है कि अच्छी पैदावार की उम्मीद में जमा पूंजी व उधारी के रुपए खर्च कर उम्दा बीज की बुवाई की और महंगी खाद का प्रयोग किया। फसल के रोगों से बचाव के लिए दवा व कीटनाशकों पर भी हजारों रुपए खर्च किए। लेकिन पहले क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से जलमग्न ह़ुए खेतों में खरीफ की फसल गलने से काफी नुकसान हो गया। बची बाजरा की फसल से किसान बुवाई का खर्च निकलने की आस को फडका कीट के प्रकोप ने धूमिल कर दिया। करीब दो पखवारे चल रहा फड़का का प्रकोप फसल की कटाई तक नियंत्रित नहीं हो पाया है।
अगेती फसल में ज्यादा नुकसान
गत दिनों क्षेत्र में फड़का का प्रकोप के देखने पहुंचे कृषि वैज्ञानिकों ने भी बाजरा की फसल में नुकसान होना स्वीकार किया। एकोरासी के कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक डॉ. शंकरलाल कुशवाहा, एटीसी फार्म मलिकपुर के डॉ राकेश कुमावत, कृषि अनुसंधान अधिकारी हेमराज मीणा का कहना है कि अगेती बुवाई की बाजरा फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। करीब 1100 हेक्टेयर में खड़ी बाजरे की फसल खराब हो गई है। फड़का कीट के प्रकोप से खरीफ की फसल में भारी खराबा हुआ है। जिसका अनुमान नहीं था। कृषि विभाग भी समय पर कीट नियंत्रण नहीं कर सका। क्षेत्र के चांदनगांव, अकबरपुर, नौरंगाबाद, दुब्बी, कोडिया किरवाडा सहित आसपास के दर्जनों गांवों में बाजरे की फसल में खराबा हुआ है। किसान हरचरण पटेल, ईश्वर सिह, चांदनगांव के देवीसिंह, नौरंगाबाद के हरि पटेल ने बताया कि उनके यहां बाजरा के फसल पूरी तरह खराब हो गई है।
अब कैसे चुकेगी केसीसी की किस्त-
बाजरा की फसल में बम्पर पैदाबार से किसानों को कोरोना महामारी से दो वर्ष से प्रभावित आजीविका संवरने की उम्मीद थी। लेकिन फड़का कीट से किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ऐसे में किसानों को परिवार के पालन पोषण के साथ किसान के्रडिट कार्ड (केसीसी) व बैंकोंं के अन्य ऋणों की किस्त चुकाने की चिंता सताने लगी है।
खरीफ की फसल में बाजरा की कटाई की जा रही है। जल्द ही संबंधित अधिकारियों को भेज कर क्षेत्र में हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
महावीर प्रसाद, नायब तहसीलदार
श्रीमहावीरजी
बाजरा की फसल में खासा नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसानों को मुआवजा मिल सकेगा। अन्य किसानों को राहत राज्य सरकार की घोषणा के ऊपर निर्भर है।
तेजभान चौधरी, कृषि पर्यवेक्षक,श्रीमहावीरजी।