जिले की 6 पंचायत समितियों में कुल 227 ग्राम पंचायतें हैं। वर्तमान में मनरेगा कार्य संचालन में हिण्डौन पंचायत समिति में वैसे तो 52 में से 44 ग्राम पंचायतों में कार्य संचालित हैं, लेकिन इन पर कार्यरत श्रमिकों की संख्या महज 1237 है।
जिले में मनरेगा कार्यों की जून माह की स्थिति देखें तो उस समय 34 हजार से अधिक श्रमिक कार्यरत थे। यानि करीब साढ़े चार माह की अवधि में ही यह संख्या अब घटकर आधी से कम रह गई है। जिला परिषद सूत्र बताते हैं कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित अन्य पदों के रिक्त होने से मनरेगा की चाल बिगड़ी हुई है। ना तो कार्यों की पर्याप्त मॉनीटरिंग हो पा रही और ना ही समय पर स्वीकृति निकल पा रही है।
कार्य स्वीकृत ही नहीं हो रहे
मनरेगा कार्य ना तो स्वीकृत हो रहे ना कार्यों का भुगतान हो रहा। कई बार अधिकारियों को इससे अवगत कराया, तो अधिकारी कहते हैं कि तकनीकी समस्या है, लेकिन तकनीकी समस्या को बताते ही नहीं है। ऐसे में श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पा रहा। गत चार-पांच माह से यही स्थिति बनी हुई है।
अब स्वीकृति में लाएंगे तेजी
मनरेगा की पत्रावलियां की अब तेजी से स्वीकृत की जाएंगी। बीच में सामग्री की टेण्डर प्रक्रिया के कारण भी कुछ परेशानी आई। स्वीकृति भी रुक गई थी।
प्रकाशचन्द मीना,मुख्य कार्यकारी अधिकारी, करौली