वर्ष में दो बार भरता है मेला यूं तो घटवासन देवी मंदिर में प्रत्येक माह की अष्टमी को मेले जैसा माहौल रहता है। प्रत्येक सोमवार को भी सैकड़ों श्रद्धालु मां के दरबार में ढोक लगाने आते हैं। लेकिन वर्ष में दो बार रामनवमी व जानकी नवमी को मां भगवती का विशाल मेला लगता है। जिसमें जयपुर, भरतपुर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि स्थानों से श्रद्धालु आते है। मनोती पूर्ण होने पर मां के दरबार में लोग मालपुए की प्रसादी चढाते हैं। मंदिर में 12 महीने रामायण पाठ, सवामणी, भंडारे आदि आयोजन होते रहते हैं। सावन भादो माह में देवी के दरबार में प्रदेश के अधिकांश जिलों से सैकड़ों पदयात्राएं आती है। रात को देवी का जागरण होता है।
समिति की अनूठी पहल ढाई दशक पहले तक मां का दरबार सीमित दायरे में था। लेकिन 2 वर्ष पहले मंदिर विकास कार्यों के लिए एक समिति का गठन किया गया। ये समिति मंदिर के विकास कार्यों में अनवरत लगी हुई है। समिति ने मंदिर के अंदर सौन्द्रर्यीकरण और विकास कार्य कराए हैं। मंदिर में मां भगवती का विशाल दरबार, यज्ञशाला, यात्री हाल, भंडारे के लिए रसोई घर, यात्रियों के लिए 3 दर्जन से अधिक कमरे, सामुदायिक भवन के निर्माण कराए गए हैं। समिति के प्रयासों से मंदिर पहुंचने के लिए सांसद व विधायकों की मदद से पुलों का निर्माण व अन्य कार्य कराए गए हैं। समिति के वर्तमान में पूर्व सरपंच राम खिलाड़ी मीणा तिमावा अध्यक्ष हैं। जबकि पूर्व सरपंच गुढ़ाचंद्रजी रामेश्वर मीणा कोषाध्यक्ष है। इनके अलावा समिति में दो दर्जन से भी अधिक सदस्य हैं जो मंदिर के विकास कार्यों में पूर्ण भागीदारी निभाते हैं। समिति श्रद्धालुओं के लिए छाया, पानी, चिकित्सा, ठहरने करने की नि:शुल्क व्यवस्था करवाती है। इसके अलावा समिति जन सरोकार के कार्यक्रमों के तहत बालिका सम्मान समारोह,पङ्क्षरडा अभियान, पेड़ लगाने जैसे कार्यों में भी भूमिका निभाती है।