नगर परिषद आयुक्त सुबह करीब 6 बजे दो बुल्डोजर, ट्रैक्टर-ट्रॉली ऑटो टिपर और कर्मचारियों के दस्ते के साथ झारेड़ा रोड पहुंंच गए। जहां गांधी एकेडमी स्कूल के पास सडक़ सीमा में चिह्नित की गई दुकानों और पक्के चबूतरों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। दुकानों के ढहाने की आवाज सुन क्षेत्र में लोगों में खलबली मच गई। लोग घरों से बाहर निकल आए। सुबह के समय अधिकांश दुकानें होने से कई दुकानोंं में रखा सामान दबने से क्षतिग्रस्त हो गया। पास-पड़ोस के लोगों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की सूचना मिलने पर दुकानदार मौके पहुंचे। बुल्डोजर करीब एक दत्तात्रेय चौराहा से आगे किलोमीटर तक सडक़ सीमा में आ रही 50 से अधिक दुकानों, चबूतरों, चारदीवारी व टीन शेड़ आदि को ध्वस्त कर दिया।
कार्रवाई के लिए प्रशासन की ओर से नियुक्त मजिस्ट्रेट तहसीलदार रामकरण मीणा व कोतवाली थाना पुलिस की मौजूदगी में नगर परिषद आयुक्त प्रेमराज मीणा के निर्देशन में कार्रवाई की। करीब तीन घंटे बाद दस्ता लौटने लगा लोगा आक्रोशित हो गए। मौका मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्रवाई की चपेट में आए लोग समान रूप से सडक़ सीमा से अतिक्रमणों को हटाने की मांग करने लगे।
प्रदर्शन कर एसडीओ को सौंपा ज्ञापन-
अतिक्रमण हटाने की अधूरी कार्रवाई से नाराज लोग समूह के रूप में तहसील कार्यालय आ गए। जहां समान रूप से कार्रवाई करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। बाद में लोगों एसडीओ सुरेश यादव को ज्ञापन सौंप करौली रोड स्थित मोड़ से अतिक्रमण हटाने की मांग की।
पूर्व पार्षद गोविंद सिंह धाकड़, व्यापार महासंघ अध्यक्ष अजय मित्तल व शहर कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष देवीसहाय दत्तात्रेय के नेतृत्व में लोगों ने आरोप लगाया है परिषद द्वारा एक से दूसरे छोर तक समान रूप अतिक्रमण हटाने की बजाय बीच में कार्रवाई शुरू की और अधूरी छोड़ दी है।
एसडीओ के समान रूप से कार्रवाई कराने के आश्वासन पर लोग शांत हुए। बाद में एसडीओ ने आयुक्त के साथ झारेड़ा रोड पहुंच परिषद द्वारा हटाए अतिक्रमणों का मौका देखा। इस दौरान लोगों ने मनमाने तरीके से कार्रवाई करने के आरोप भी लगाए।
बुल्डोलर के डर से खाली की दुकानें-
अतिक्रमण हटाने की औचक कार्रवाई से झारेड़ा रोड क्षेत्र के लोग खुद व खुद दुकानों से सामान हटाने लग गए। पहले दिन की कार्रवाई से आंशंकित लोगों ने दुकानों से शटरें हटवाने के साथ उनमें रखे सामान का अन्यत्र रखवा दिया। शाम तक लोगों दुकानें को खाली करने में जुटे रहे।