बदतर हालात देख लगता है जैसे विभागीय अधिकारी आंख मूंदे ही बैठे हैं। यहां उपखंड मुख्यालय के आसपास के इलाकों में स्कूल संचालन की स्थिति खराब है। अधिकांश सरकारी स्कूलों शिक्षक देरी से आते हैं और जल्दी चले जाते हैं।कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जहां दो-तीन दिनों तक ताला लगा रहता है। बच्चे आते हैं और स्कूल खुलने का इंतजार कर निराश लौट जाते हैं। मंगलवार को ओंड पंचायत अंतर्गत भेरैट गांव के प्राथमिक स्कूल के निर्धारित समय बाद भी ताला लगा होने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने शिक्षा विभाग व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर नारे लगाए।
ग्रामीण गजेन्द्र खटाना, मंगलसिंह, बलराम, रामगणेश जाटव, जीतू, भूरा, रघुराज, प्रेमसिंह लोहरे आदि ने बताया कि अध्यापिका ने ९ जुलाई को कार्यभार संभाला था।इसके बाद कुछ ही दिन आई है। स्कूल के अक्सर ताला लगा रहता है।न तो पोषाहार बनता है न बच्चों को दूध मिलता है। ग्रामीणों ने बताया कि ओंड विद्यालय के प्रधानाचार्य को कई बार अवगत कराने के बावजूद हालत जस के तस हैं।स्कूल में करीब पचास विद्यार्थी है। सुचारु रूप से पढाई नहीं होने से इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
इसी प्रकार इमरतापुरा के प्राथमिक स्कूल पर ताला लटके रहने पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी। तथा टोड़ी गांव के प्राथमिक स्कूल के भी यही हालात हैं।
फोटो- मण्डरायल की ओंड पंचायत अंतर्गत भेरैट गांव के प्राथमिक स्कूल के बाहर बच्चे व ग्रामीण प्रदर्शन करते रहते हैं।
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करंट से ऊंट की मौत
हिण्डौनसिटी. क्षेत्र के नथौलेकापुरा कोटवास गांव में बिजली लाइन से छू जाने से एक ऊंट की मौत हो गई। ग्रामीण शिवराम गुर्जर ने बताया कि बिजली लाइन के नीची होने के कारण दिनेश गुर्जर का ऊंट लाइन से छू गया, जिससे उसकी मौत हो गई। ऊंट के सहारे दिनेश रोजी-रोटी कमाता था। ऐसे में उसके सामने परेशानी खड़ी हो गई है। ग्राम पंचायत सरपंच से सरकार सहायता की गुहार की है।