निगम सूत्रों के अनुसार शहर की सरकार कही जाने वाले नगरपरिषद से लेकर उपखंड क्षेत्र के हाकिम कहे जाने वाले एसडीएम और तहसीलदार समेत खाकी का खौफ दिखाने वाली पुलिस के अलावा शहर के कई अन्य सरकारी विभागों के दफ्तरों पर विद्युत निगम के 13 करोड़ सात लाख रुपए बकाया चल रहे हैं। जबकि आम उपभोक्ताओं का न सिर्फ कनेक्शन काटा जा रहा, बल्कि उनके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही हैं।
निगम सूत्रों के मुताबिक हिण्डौन नगरपरिषद पर विद्युत निगम का सर्वाधिक 12 करोड़ 18 लाख रुपए बकाया चल रहा है। जिसमें रोडलाईट के 12 करोड़ व नगरपरिषद के अधीन आने वाले विभिन्न कार्यालयों पर 18 लाख रुपए बिजली बिलों के बकाया हैं। यह बकाया राशि मार्च 2019 से फरवरी 2021 तक की है। बीते दो वर्षों में नगरपरिषद ने निगम को बिजली उपभोग की बकाया राशि नहीं चुकाई है।
निगम के बकायादारों की सूची में एसडीएम, तहसीलदार, उप पंजीयक, नगरपरिषद, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, पंचायत समिति, शिक्षा, बीएसएनएल व पुलिस विभाग शामिल हैं। सरकारी विभागों के 147 विद्युत कनेक्शन हैं। जिन पर 13 करोड़ 7 लाख रुपए की बकाया है।
निगम के अनुसार हिण्डौन शहरी क्षेत्र (ए-प्रथम) में कुल 21 हजार 500 उपभोक्ता हैं। जिनमें आमजन के साथ ही शासकीय कार्यालयों के विद्युत कनेक्शन शामिल हैं। इनमें से 5074 आम उपभोक्ताओं पर निगम के 4 लाख 35 हजार रुपए बकाया हैं।
नोटिस देने की निभा रहे औपचारिकता-
लगातार घाटा झेल रहे जेवीवीएनएल का अधिकांश हिस्सा राज्य सरकार ने निजी कंपनियों को दे दिया है। निगम के निजीकरण को लेकर अंदरखाने विरोध भी हो रहा है, लेकिन बकाया वसूली के प्रति निगम के जिम्मेदारों की सुस्ती बिजली तंत्र को घाटे से उबारने के बजाए कर्ज में डूबो रही है। अकर्मण्यता का ही नमूना है कि शासकीय कार्यालयों पर बिजली बिल का 13 करोड़ रुपए बकाया होने के बावजूद निगम बार-बार नोटिस भेजने की औपचारिकता निभा रहा है। अगर निगम अभियंता आम उपभोक्ताओं के जैसी सख्ती सरकारी विभागों के प्रति दिखाए तो वसूली हो सकती है।
कार्यालय बकाया राशि
नगरपरिषद- 1218 लाख
जलदाय विभाग- 1 लाख 16 हजार
एसडीएम- 80 हजार
तहसीलदार- 83 हजार
उप पंजीयक- 48 हजार
पंचायत समिति- 1 लाख
बीएसएनएल- 3लाख22 हजार
पुलिस – 1 लाख 9 हजार
शिक्षा विभाग- 1लाख 22 हजार
सरकारी विभागों के कार्यालयों से बिजली बिलों की बकाया राशि की वसूली की कवायद चल रही है। कार्यालय प्रमुखों के साथ पत्राचार किया जा रहा है। जबकि आम उपभोक्ताओं से वसूली के लिए आठ टीमें गठित की गई है।
-केके शर्मा, सहायक अभियंता(ए-प्रथम), हिण्डौन सिटी।