चिकित्सालय में संचालित 24 सिलेण्डर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट नाकाफी साबित होने पर जिला प्रशासन द्वारा बड़ी क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की कबायद शुरू की गई। इसके तहत गत माह राजकीय चिकित्सालय में 50 सिलेण्डर के ऑक्सीजन क्षमता का प्लांट स्वीकृत हुआ था। अस्पताल में रोगी भारी व कोरोना के पीक दौर में रोगियोंं की अधिकतम भर्ती संख्या के आधार पर चिकित्सालय प्रभारी व नगर परिषद ने 50 सिलेण्डर के प्लांट की क्षमता में और इजाफे की जरुरत बताई। इस पर जिला प्रशासन के प्रयासों से स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक ने 75 सिलेण्डर क्षमता के 54.50 लाख रुपए की लागत से ऑक्सीजन प्लांट निर्माण के लिए संशोधित कार्यादेश जारी कर किए हैं।
दो माह में होगा निर्माण-
राजकीय चिकित्सालय में 54.50 लाख रुपए की लागत दो माह में ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार होगा। स्वायत्त शासन विभाग मे निदेशक ने 17 जून को नई दिल्ली की धवन बॉक्स शीट कंटेनर्स प्रा.लिमिटेड को कार्यादेश जारी किए हैं। प्लांट निर्माण के बाद एक वर्ष तक निर्माण कम्पनी द्वारा ऑपरेशन एण्ड मेंटीेनेंस किया जाएगा।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. नमोनारायण मीणा ने बताया कि 75 सिलेण्डर क्षमता का प्लांट बनने पर सभी वार्डों में प्रत्येक पलंग पर ऑक्सीजल की जरुरत वाले रोगियों को भर्ती किया जा सकेगा। ऐसे में एक समय में 250 रोगियों को उखडती सांसों को संभाला जा सकेगा। फिलहाल चिकित्सालय मे 24 सिलेण्डर क्षमता का छोटा ऑक्सीजन प्लांट संचालित है। जिससे तीन मैनीफोल्ड यूनिटों के जरिए 150 पलंगोंं पर ऑक्सीजन की आपूर्ति है।
राजकीय चिकित्सालय में रोगियों को जरुरत पडऩे पर ऑक्सीजन लगाने के लिए 62 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 24 सिलेण्डर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट, 24 सिलेण्डर का एक व 8-8 सिलेण्डर क्षमता के दो मैनीफोल्ड संचालित हैं। कोरोना के पीक दौर में कोविड वार्ड में एक साथ 135 रोगियों को ऑक्सीजन पर भर्ती रखा गया था।