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अब गर्भवती व प्रसूताओं को प्राथमिकता, एनीमिया के सामान्य रोगियों पर रक्त की खपत पर निगरानी

locationकरौलीPublished: Jul 03, 2022 10:59:17 am

Submitted by:

Anil dattatrey

Now pregnant women are given priority, monitoring of blood consumption in general patients of anemia
रक्त की उपलब्धता के लिए परिजनों को कर रहे रक्तदान के लिए प्रेरित

अब गर्भवती व प्रसूताओं को प्राथमिकता, एनीमिया के सामान्य रोगियों पर रक्त की खपत पर निगरानी,अब गर्भवती व प्रसूताओं को प्राथमिकता, एनीमिया के सामान्य रोगियों पर रक्त की खपत पर निगरानी

अब गर्भवती व प्रसूताओं को प्राथमिकता, एनीमिया के सामान्य रोगियों पर रक्त की खपत पर निगरानी,अब गर्भवती व प्रसूताओं को प्राथमिकता, एनीमिया के सामान्य रोगियों पर रक्त की खपत पर निगरानी


हिण्डौनसिटी.
रक्त संग्रहण केंद्र के रीतने की समस्या से निजात के लिए जिला चिकित्सालय प्रशासन अब सामान्य रक्ताल्पता के रोगियों को रक्त देने में सख्त हो गया गया। रक्त की उपलब्धता बनाए रखने के लिए जरुरतमंद रोगियों की प्राथमिकताएं तक कर दी हैं। अब केवल गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं को ही रक्त दिया जा रहा है। वहीं भारत विकास परिषद ने भी गर्भवती व प्रसूताओं के लिए डोनर कार्ड में प्राथमिकता तय कर दी है।

चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार रक्त की बढ़ती खपत रक्त संग्रहण केंद्र आपूर्ति के चंद दिन में ही रीत जाता है। रक्तदान की तुलना में रक्त बढ़ती खपत पर नियंत्रण के लिए मेडिकल वार्ड में सामान्य रक्ताल्पता के रोगियों को रक्त जारी करने अंकुश लगा दिया है। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने भी फिजिशियन चिकित्सकों को अत्यंत जरुरत पर ही सामान्य रक्ताल्पता के रोगी को रक्त चढ़ाने का परामर्श देने को पाबंद किया है। रक्ताल्पता के सामान्य रोगियों के परिजनों को डोनर कार्ड देने से पहले रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका में 25 जून के अंक में ‘रक्त की मांग: परिजन बदले में नहीं कर रहे रक्तदान’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर डोनर कार्डों से खप रहे रक्त और आए दिन रक्त संग्रहण केंद्र के रीतने की समस्या को उजागर किया था। समाचार प्रकाशित होने के बाद प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. नमोनारायण मीणा ने चिकित्सालय में रक्त की आवक व खपत की समीक्षा कर रक्त की प्राथमिकता प्रसूता व गर्भवती महिलाओं के लिए तय कर दी। इससे रक्त की खपत होने की अवधि बढ़ गई है। वहीं मेडिकल वार्ड में खपने वाला रक्त संस्थागत सुरक्षित प्रसव के लिए काम आने लगा है।
5 माह में जारी किए 343 डोनर कार्ड-
भारत विकास परिषद द्वारा रक्त के जरुरतमंद रोगियों के लिए बीते पांच माह में 343 डोनर कार्ड जारी किए गए। अधिकांश डोनर कार्ड हिण्डौन चिकित्सालय में जारी किए। जिसके एवज में रक्त संग्रहण केंद्र से रोगियों को रक्त जारी किया गया।
सर्वाधिक 103 ब्लड डोनर कार्ड मार्च माह में किए गए। वहीं अपे्रल माह में रक्त संग्रहण केंद्र में रक्त का टोटा होने से महज 38 डोनर कार्ड जारी किए गए। भारत विकास परिषद के रक्तदान प्रकल्प प्रभारी शिंभू गोयल ने बताया कि परिषद द्वारा रक्तदान शिविरों में संग्रहित रक्त को ब्लड बैंकों को देने के बदले रोगियों के लिए डोनर कार्ड से रक्त मुहैया कराया जाता है। उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी को लगे भाविप के रक्तदान शिविर में 150 लोगों ने राजकीय चिकित्सालय में रक्तदान किया था।
सख्ती से बढ़ी खपत की अवधि-
चिकित्सालय में रक्त को लेकर सख्ती बरतने से रक्त संग्रहण केंद्र में खपत अवधि में इजाफा हुआ है। इससे आपात स्थिति के लिए रक्त की आपूर्ति बनी हुई है। मई माह में जयपुरिया अस्पताल से आया 70 यूनिट रक्त महज 20 दिन में खप गया। जबकि सख्ती बरतने से 18 जून को आए 45 यूनिट में से 28 यूनिट रक्त चढ़ पाया है। गौरतलब है कि बीते पांच वर्ष में प्रसूति वार्ड से अधिक रक्त मेडिकल वार्ड में खप रहा था। लेकिन वर्ष 2022 में जनवरी से जून माह तक प्रसूति विभाग में मेडिकल वार्ड की तुलना में अधिक रक्त खपा है।
फैक्ट फाइल-

भाविप से जारी किए डोनर कार्ड
माह डोनर कार्ड
फरवरी 74
मार्च 103
अपे्रल 38
मई 52
जून 76


माह प्रसूति वार्ड -मेडिकल वार्ड
फरवरी 25- 44
मार्च 56 -39
अप्रेल 17 -15
मई 35 -14
जून 47 -16
इनका कहना है-
रक्त की खपत नियंत्रित व अति जरुरतमंद रोगी के लिए सुनिश्चित कर दी गई है। एनीमिया के सामान्य रोगियों की बजाय सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती व प्रसूताओं को प्राथमिकता से रक्त चढ़ाया जा रहा है।
डॉ. नमोनारायण मीणा, पीएमओ
राजकीय जिला चिकित्सालय, हिण्डौनसिटी.
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