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करौली

अब शहरी नहीं समान होंगी परियोजनाएं, महिला बाल विकास की नई व्यवस्था

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करौलीDec 17, 2018 / 05:13 pm

Dinesh sharma

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अब शहरी नहीं समान होंगी परियोजनाएं, महिला बाल विकास की नई व्यवस्था

करौली . समेकित बाल विकास सेवाएं के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिले में अब परियोजनाओं का नाम समान हो गया है। जिले की शहरी परियोजनाओं की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।
इससे जहां आम लोगों को कामकाज में सुविधा मिलेगी, वहीं आगंनबाड़ी कार्मिकों को भी अपने कार्य के लिए हिण्डौन कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
विभाग ने हिण्डौन शहरी परियोजना को समाप्त कर दिया है। इससे अब जिले में सभी 6 परियोजनाओं में ही संबंधित कार्मिकों के कार्य हो सकेंगे। वहीं जिले में विभाग की एक और परियोजना मण्डरायल में सृजित की गई है।
पूर्व में जारी किए गए आदेश के अनुसार नवम्बर माह तक के बकाया भुगतान हिण्डौन शहरी से करने की प्रक्रिया चल रही है, जबकि दिसम्बर माह से यह व्यवस्था नए सिरे से होगी।

अब तक यह थी व्यवस्था
महिला एवं बाल विकास विभाग की व्यवस्था के अनुसार अभी तक विभाग की परियोजनाओं को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र यानि दो भागों में बांटा हुआ था।
जिले में हिण्डौनसिटी में शहरी परियोजना संचालित थी, जिसके अधीन हिण्डौन के 71, करौली शहर के 52 तथा टोडाभीम शहरी क्षेत्र की 20 आंगनबाड़ी पाठशालाओं का संचालन हो रहा था। इससे इन 143 आंगनबाड़ी पाठशालाओं से संबंधित कामकाज हिण्डौन के अधीन ही होता था, लेकिन अब हिण्डौन शहरी परियोजना का नाम ही समाप्त कर दिया गया है। यानि शहरी और ग्रामीण को एक कर दिया है।
यह होगा फायदा
शहरी परियोजना का नाम समाप्त करने से संबंधित परियोजनाओं की कार्मिकों, आंगनबाड़ी पाठशालाओं की कार्मिकों का कामकाज स्थानीय स्तर पर ही हो सकेगा।

उन्हें अब हिण्डौनसिटी नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा बड़ा फायदा यह होगा कि केन्द्रों की चयन प्रक्रिया में सुविधा मिलेगी। पहले शहरी क्षेत्र के नाम से एक सीडीपीओ होते, जबकि चयन समिति के अध्यक्ष संबंधित एसडीओ होते थे, ऐसे में चयन प्रक्रिया में काफी समय लगता।
यह होगा गणित
विभाग के सूत्रों के अनुसार हिण्डौन शहरी क्षेत्र के 71 केन्द्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के 263 केन्द्र हैं। इसी प्रकार करौली परियोजना में 52 शहरी केन्द्रों के अलावा 298 केन्द्र हैं।
टोडाभीम में 20 शहरी केन्द्रों के अलावा 207 ग्रामीण केन्द्र संचालित हैं। अब यह सब शामिल कर दिए गए हैं।

जिले में परियोजनाएं
जिले में विभाग की 6 परियोजनाएं संचालित होंगी। इनमें हिण्डौन, सपोटरा, टोडाभीम, नादौती, करौली तथा मण्डरायल शामिल हैं।
मण्डरायल नवसृजित परियोजना
मण्डरायल में विभाग की परियोजना नवसृजित की गई है। पहले मण्डरायल क्षेत्र की आंगनबाड़ी पाठशालाएं सपोटरा परियोजना के अधीन थी।

98 केन्द्रों को जोड़ते हुए मण्डरायल को पृथक से परियोजना बनाया गया है। इसमें करणपुर, मण्डरायल तथा लांगरा इलाके की आंगनबाड़ी पाठशालाएं जोड़ी गई हैं। इससे पहले सपोटरा में 176 आंगनबाड़ी केन्द्र रह गए हैं।
नई व्यवस्था से सुविधा मिलेगी
जिले में विभाग की हिण्डौन शहरी परियोजना की व्यवस्था को समाप्त कर सभी परियोजनाओं को समान कर दिया गया है। इससे चयन के लंबित मामलों में गति आएगी। वहीं कार्मिकों को सुविधा मिलेगी और आमजन को भी शहरी परियोजना से संबंधित कामकाज के लिए हिण्डौन नहीं जाना पड़ेगा।
भूपेश गर्ग, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, करौली

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