करौली

आंगनबाड़ी में पोषाहार का बदला स्वाद

Nutritional taste changed in Anganwadi- अब लड्डुओं के साथ मिलेगी अंकुरित दाल-जिले के 1304 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आज से हुई शुरुआत

करौलीFeb 15, 2020 / 10:32 pm

Anil dattatrey

आंगनबाड़ी में पोषाहार का बदला स्वाद

हिण्डौनसिटी. शिक्षा व स्वास्थ्य के मामले में नौनिहालों की नींव मजबूत करने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को मिलने वाले पोषाहार में बदलाव किया है। इसके तहत अब सुबह के नाश्ते व दोपहर के भोजन में बेसन व तिल के लड्डूओं के साथ दूध, सलाद और अंकुरित दालें दी जाएगी। मीनू में हुए इस बदलाव की शुरुआत जिले के 1304 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शनिवार से हुई।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार ने बालक-बालिकाओं के भोजन के मीनू में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत दोपहर के भोजन में गेहूूं व मूंग का मीठा दलिया, रोटी-सब्जी, खिचड़ी व नाश्ते में केला, मौसमी फल, दूध, सर्दी में तिल व गर्मी में बेसन के लड्डू परोसे जाएंगे। इससे पहले नाश्ते में बच्चों को दलिया, खिचड़ी, चावल के मुरमुरे, भूने हुए चने गुड़ के साथ दिए जा रहे थे। शनिवार को जिले के 1304 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अध्यनरत बच्चों को बदली हुई रेसीपी उपलब्ध कराई गई। लम्बे समय बाद पोषाहार का बदला हुआ स्वाद देख बच्चे भी खुश नजर आए।
यह होगा साप्ताहिक चार्ट-

सूत्रों के अनुसार बच्चों को गर्मा गर्म पोषाहार दिया जाएगा। सोमवार को नाश्ते में प्रत्येक बच्चे को पका केला या मौसमी फल, दोपहर के भोजन में गेहंू व मंूग दाल का मीठा दलिया 140 ग्राम की मात्रा में दिया जाएगा। मंगलवार को नाश्ते में मौसमी फल, दोपहर में रोटी-सब्जी 120 ग्राम मात्रा में दिया जाएगा। बुधवार सुबह नाश्ते में 100 एमएल दूध, भोजन में चावल और मंूग दाल की खिचड़ी दी जाएगी। गुरुवार सुबह के नाश्ते में सर्दी के मौसम में तिल व गर्मी के मौसम में बेसन के लड्डू, दोपहर में चावल और चना दाल लौकी के साथ परोसी जाएगी। शक्रवार को नाश्ते में मुरमुरे, पोहा नीबू, टमाटर के साथ दिया जाएगा। दोपहर के भोजन में बाजरे का खिचड़ा व कढ़ी, चावल खिलाए जाएंगे। शनिवार को सुबह नाश्ते में अंकुरित साबुत मंूग, मोठ, चना और मंूगफली परोसी जाएगी। दोपहर के भोजन में खिचड़ी दी जाएगी और उसके साथ आंवला चटनी और नीबू दिया जाएगा।
भोजन के साथ ग्रीन सलाद भी-

बदले हुए मीनू के मुताबिक सब्जियों में रोजाना बदलाव किया जाएगा। दोपहर के भोजन के साथ गाजर, चुकंदर, खीरा, ककड़ी, टमाटर आदि सलाद के रूप में रखा जाएगा। विशेष बात यह है कि सब्जी पकाने में रिफाइंड के बजाए सरसों या तिल का तेल ही उपयोग में लिया जाएगा। जबकि दाल व खिचड़ी में घी और जीरें का छोंक भी लगाया जाएगा। आदेश के अनुसार पोषाहार निर्माण ूमें डबल फोर्टीफाइड तेल व नमक ही काम में लेने के निर्देश दिए हैं।
जिले में 33 हजार बच्चे हैं पंजीकृत
करौली जिले में 1304 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष आयु के 33 हजार से अधिक बालक-बालिकाएं पढ़ रहे हैं। सरकार ने रेसीपी में नाश्ते में 3.50 रुपए और भोजन में 4.50 रुपए का खर्च आंका है। यह रेसीपी देने से बच्चों को 12 से 15 ग्राम प्रोटीन एवं 500 किलो कैलोरी ऊर्जा की प्राप्ति होगी।
इनका कहना है
विभाग द्वारा आंगनबाडी केन्द्रों पर रेसीपी में बदलाव किया है। आज से जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र में पढऩे वाले बच्चों को नए मीनू के अनुरूप नाश्ता व भोजन उपलब्ध कराया गया।
-राजेश्वरी मित्तल, कार्यवाहक उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, करौली।

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