एसडीएम अनूप सिंह ने बताया कि अग्रसेन कॉलेज के समीप के निवासी 62 वर्षीय रमेशचंद गोयल ने स्वयं मकान व दुकान तैयार की। इसके बाद उसके दो बेटों अंकुश उर्फ दीपू और सोनू ने बूढ़े पिता को बेसहारा छोड़ दिया। एसडीएम ने बताया कि पीडित का बड़ा पुत्र सोनू अपने परिवार के साथ गंगापुर सिटी में रहता है, जबकि अंकुश उर्फ दीपू अविवाहित है, जो अग्रसेन विहार स्थित अपने पैतृक मकान में रहता है।
दोनो पुत्रों के बेसहारा छोडने के बाद वह असहाय और बेरोजगार होकर दर-दर भटकने लगा। एसडीएम ने बताया कि 7 मार्च को पीडित रमेशचंद ने उनकी कोर्ट में भरण पोषण का दावा पेश किया था। सुनवाई के बाद बुधवार को एसडीएम ने आदेश जारी कर दोनों पुत्रों को प्रतिमाह की तीन-तीन हजार रुपए यानि कुल छह हजार रुपए के गुजारा भत्ते की राशिपिता रमेशचंद के बताए बैंक खाते में डालने के आदेश जारी किए। इसके अलावा सद् व्यवहार व नेक चलनी की मॉनीटरिंग के लिए नई मंडी थाना प्रभारी व गंगापुरसिटी थानाप्रभारी को भी आदेशित किया गया है।