पटोंदा निवासी प्रेम सिंह , कैलाश, बृजेश, बलबीर, योगेश, धर्मेंद्र, विनोद, रमेश, धर्म सिंह, राजकुमारी, शीला, रमेश, सुमन, प्रदीप आदि ने बताया कि विभाग द्वारा एक करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से तीन टंकियों का निर्माण कर तीन-चार नलकूप खोद दिए। करीब 6 माह पहले नलकूप से टंकियों तक पाइप लाइन भी डाल दी गई लेकिन टंकियों में जल भराव नहीं होने से लोगों के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। बंद पड़ी जल योजना की कोई सुध नहीं ले रहा है। ऐसे में पंचायत के प्रमुख मोहल्ले, कुतकपुर रोड़ पर बसी कालोनी, जाटव बस्ती, रेलवे स्टेशन बजरिया, कोली पाड़ा, मंदिर क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है।
जलदाय विभाग का तर्क ग्राम पंचायत के सुपुर्द है जलयोजना-
मजे की बात यह है कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने जलयोजना को सुचारू रूप से संचालन के लिए ग्राम पंचायत को सुपुर्द कर दिया है। जबकि ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि हरि सिंह मीना एवं ग्राम विकास अधिकारी अशोक सिंह का कहना है कि पंचायत ने अभी लिखित में नहीं ली है। इस योजना के तहत चार जीएलआर बड़ी टंकियों का निर्माण होना था। लेकीन तीन ही टंकिया बनाई गई इसके अलावा संवेदक द्वारा टंकियों में पूरा पानी नहीं भरा गया। जिससे निर्माण कमी की जांच की जा सके। इसलिए अभी तक हैंड ओवर नहीं की गई। वहीं जलदाय विभाग के कनिष्ट अभियन्ता जेपी मीना का कहना है कि विभाग द्वारा योजना को विकास अधिकारी श्रीमहावीरजी को हैंड ओवर कर दिया गया है जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
जलयोजना के नलकूपों पर लगे दो ट्रांसफार्मरों को चोर चुरा ले गए। जिनकी रिपोर्ट ग्राम पंचायत ने और ना ही जनस्वास्वाथ्य अभियांत्रिकी विभाग ने विद्युत निगम को दी। ऐसे में नलकूपों पर दूसरे ट्रांसफॉर्मर नहीं लग पाए हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन में जलापूर्ति शुरू नहीं हुई तो जलदाय विभाग के कार्मिकों का घेराव किया जाएगा।