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करौली में ऑक्सीजन प्लांट लगने की खुली राह

locationकरौलीPublished: May 08, 2021 11:10:28 am

करौली में ऑक्सीजन प्लांट लगने की खुली राहअगले 3 माह में शुरू होने की उम्मीदराजस्व अड़चनों के निस्तारण की शुरू हुई प्रक्रिया
करौली। जिलेवासियों के लिए खुश खबर है कि अगले 3 महीने में करौली में निजी फर्म द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन का प्लांट संचालित होने लगेगा। बीते कुछ महीनों से राजस्व सम्बन्धित अड़चनों के कारण प्लांट के लिए प्रस्तावित भूमि की पत्रावली अटकी हुई थी। जिला कलक्टर की पहल से अब इन अड़चनों दूर करने की प्रक्रिया पूरी होने को है। इससे प्लांट स्थापित होने की राह खुल गई है।

करौली में ऑक्सीजन प्लांट लगने की खुली राह

करौली में ऑक्सीजन प्लांट लगने की खुली राह

करौली में ऑक्सीजन प्लांट लगने की खुली राह
अगले 3 माह में शुरू होने की उम्मीद
राजस्व अड़चनों के निस्तारण की शुरू हुई प्रक्रिया

करौली। जिलेवासियों के लिए खुश खबर है कि अगले 3 महीने में करौली में निजी फर्म द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन का प्लांट संचालित होने लगेगा। बीते कुछ महीनों से राजस्व सम्बन्धित अड़चनों के कारण प्लांट के लिए प्रस्तावित भूमि की पत्रावली अटकी हुई थी। जिला कलक्टर की पहल से अब इन अड़चनों दूर करने की प्रक्रिया पूरी होने को है। इससे प्लांट स्थापित होने की राह खुल गई है।
मिली जानकारी के अनुसार गंगापुरसिटी की एक फर्म द्वारा करौली में कैलादेवी मोड़ के पास ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना को लेकर भूमि रूपांतरण की पत्रावली राजस्व अधिकारियों के समक्ष पेश की हुई थी। यह प्लांट इस फर्म के प्रोपराइटर द्वारा अपनी पुश्तैनी जमीन में लगाया जाना प्रस्तावित है। इस कारण भूमि को लेकर कोई विवाद की स्थिति तो नहीं थी, लेकिन पुश्तैनी भूमि के हिस्सेदारों में जमीन का बंटवारा होना था। इसके बाद प्लांट की प्रस्तावित भूमि को कृषि से वाणिज्यिक उपयोग में परिवर्तित करने की प्रक्रिया की जानी थी।
बीते कई महीनों से यह मामला राजस्व अधिकारियों के यहां लटका हुआ था। कोविड के संकट काल में ऑक्सीजन की बढ़ी मांग के बाद जब जिला कलक्टर को इस तरह के प्लांट की योजना का पता चला तो उन्होंने पहल करके भूमि की पत्रावली को निस्तारित कराने में रुचि दर्शायी।
सूत्रों से पता चला है कि भूमि के बंटबारे की पत्रावली को उपजिला कलक्टर न्यायालय से निस्तारित कर दिया गया है। जल्दी भूमि के रूपांतरण की कार्रवाई भी पूरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र परमार ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट की भूमि की पत्रावली राजस्व सम्बन्धित प्रक्रिया में लम्बित थी। अब इसको निस्तारित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। भूमि के बंटवारे के बाद भूमि का रूपांतरण भी जल्दी हो जाएगा। सम्बन्धित फर्म ने गुजरात में प्लांट लगाने का ऑर्डर कर दिया है। इससे आने वाले समय में करौली जिले को ऑक्सीजन की कमी को पूर्ति करने में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा भी अन्य स्थानों पर प्लांट लगाने के प्रयास कर रहे हैं।
500 सिलेण्डर रोज हो सकेंगे रिफिल

सूत्रों ने बताया कि भूमि की पत्रावली क्लीयर होने के संकेत मिलने के बाद अब सम्बन्धित फर्म ने प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। अगले 3 माह में इसके लग जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इस प्लांट की क्षमता 18 हजार किलो लीटर प्रतिदिन से अधिक होगी, जिससे प्रतिदिन 500 सिलेण्डर तक रिफिल किए जा सकेंगे।
सूत्रों ने बताया कि केवल करौली जिले में ही नहीं बल्कि धौलपुर तथा सवाईमाधोपुर जिले में भी ऑक्सीजन की सप्लाई करने में मदद मिल पाएगी। इतनी क्षमता का सरकारी या गैरसरकारी प्लांट इन तीनों जिलों में क्रियाशील नहीं है।
हम तलाश रहे संभावना

कोविड संकटकाल में ऑक्सीजन की सामने आई किल्लत को देखते हुए हम जिले में सरकारी और निजी क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की सम्भावनाएं तलाश रहे हैं।
करौली में उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र इस दिशा में अच्छे प्रयास कर रहे हैं। करौली में निजी क्षेत्र में एक प्लांट को स्थापित करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सिद्धार्थ सिहाग, जिला कलक्टर करौली।

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